Monday, January 6, 2025
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सुप्रीम कोर्ट का आदेश:नक्शा पास कराने में प्राधिकरण नहीं लेगा निरीक्षण शुल्क, 35 अपीलों पर हुआ निर्णय – Supreme Court Order Authority Will Not Charge Inspection Fee For Passing The Map

by amitsagar
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Supreme Court order Authority will not charge inspection fee for passing the map

आगरा विकास प्राधिकरण
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

आगरा विकास प्राधिकरण भवन का नक्शा पास के समय निरीक्षण, पर्यवेक्षण शुल्क, उपविभाजन एवं प्रभाव शुल्क नहीं ले सकता। सिर्फ विकास शुल्क और सुदृढ़ीकरण शुल्क ले सकता है। यह निर्णय शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने 35 अपीलों को निस्तारित करते हुए दिया है।

न्यायमूर्ति एमआर शाह व न्यायमूर्ति सीटी रवि कुमार की बेंच ने यह महत्वपूर्ण निर्णय मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण आदि बनाम राजेश शर्मा आदि मामलों में दिया है। इन प्रकरणों में आगरा विकास प्राधिकरण से संबंधित भी अनेक सिविल अपील शामिल थीं। इस निर्णय के अनुपालन में अब विकास प्राधिकरणों को 6 प्रतिशत ब्याज सहित शुल्कों की राशि को एक वर्ष में वापस करना होगा।

ये दिया आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय में सुदृढ़ीकरण शुल्क के संबंध में कुछ भी नहीं कहा। अधिनियम की धारा-35 के अंतर्गत उसे लिया जा सकता है। कोर्ट ने निर्णय में कहा विकास शुल्क व सुदृढ़ीकरण शुल्क को छोड़कर प्रदेश के विकास प्राधिकरण निरीक्षण शुल्क/पर्यवेक्षण शुल्क, उपविभाजन शुल्क, प्रभाव शुल्क (इंपैक्ट चार्ज) आदि नहीं ले सकते हैं। उनका उल्लेख उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 की धारा 15(2ए) में नहीं है।

ये भी पढ़ें – Agra: दिल्ली हाईवे पर दौड़ रही लग्जरी कार में चल रहा था सट्टा, पुलिस ने तीन सटोरिए किए गिरफ्तार

मानचित्र स्वीकृति के समय नहीं ले सकते ये शुल्क

सुप्रीम कोर्ट ने रेखा रानी के मामले में दिये गये इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्णय की पुष्टि भी की। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि 12 माह की अवधि में विकास शुल्क को समायोजित करते हुए मूल याचीगणों को छह प्रतिशत की ब्याज के साथ इन शुल्कों की राशि को वापस किया जाए। इस निर्णय के अनुसार एक ओर जहां विकास प्राधिकरणों के विकास शुल्क लिए जाने का अधिकार सुप्रीम कोर्ट ने माना है। वहीं दूसरी ओर ऐसे शुल्क जो कि अधिनियम की धारा-15(2ए) के अंतर्गत अनुमन्य नहीं है उन्हें प्राधिकरण मानचित्र स्वीकृति के समय नहीं ले सकता।

ये बोले वरिष्ठ अधिवक्ता

अधिनियम की धारा-15(2ए) के अंतर्गत जो शुल्क लिए जा सकते हैं वे विकास शुल्क, नामांतरण शुल्क, अंबार शुल्क व जल शुल्क हैं। इस प्रावधान में उपविभाजन शुल्क, निरीक्षण शुल्क या प्रभाव शुल्क (इंपैक्ट चार्ज) लिए जाने का कोई उल्लेख नहीं है। इन शुल्कों को प्राधिकरण अब नहीं ले सकते हैं। दूसरे शब्दों में अधिनियम में जिन शुल्कों को लिए जाने का प्रावधान है उन्हें ही लिया जा सकता है। निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन ने कहा कि मानचित्रों की स्वीकृति के समय शुल्कों के रूप में जब बड़ी राशि की मांग की जाती है तो बहुत से भूमि स्वामी मानचित्र ही नहीं स्वीकृत कराते हैं। इससे अनधिकृत निर्माणों को प्रोत्साहन मिलता है।

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