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सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया
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आगरा में समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रहे दयाराम प्रजापति जमीन की खरीद-फरोख्त में धोखाधड़ी का शिकार हो गए। जमीन दिखाने के बाद साढ़े पांच लाख रुपये में सौदा हुआ। रकम देने के बाद भी बैनामा नहीं किया गया। पूर्व मंत्री ने 4 लोगों के खिलाफ एत्माद्दौला थाने में केस दर्ज कराया है।
एत्माद्दौला के फाउंड्री नगर निवासी दयाराम प्रजापति ने पुलिस को बताया कि उन्हें विद्यालय खोलने के लिए जमीन की जरूरत थी। उन्होंने कई स्थानों पर जमीनें देखीं। इसी दौरान उनकी मुलाकात जसवंतनगर, इटावा के प्रीतम सिंह से हुई। प्रीतम सिंह ने बताया कि उसके दामाद कालीचरण का भूखंड रहनकलां, एत्मादपुर में है। आरोपियों ने 29 मार्च 2009 को उन्हें रहनकलां में जमीन दिखाई। आरोपी के साथ उसके दामाद के अलावा बनवारी लाल भी थे। 5.50 लाख रुपये में दो भूखंड का सौदा तय हुआ था।
पूर्व मंत्री के अनुसार उन्हाेंने 51 हजार रुपये एडवांस दे दिया। आठ अप्रैल 2009 को दो लाख रुपये तहसील में इकरारनामा के समय मुन्नी देवी और तीन लाख रुपये कालीचरन को दिए। इसमें गवाहों के नाम भी थे। इसके बाद आरोपी बैनामा करने के नाम पर 15 साल तक गुमराह करते रहे। दो फरवरी 2023 में उन्होंने अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस भेजे। इस पर उन्हें 12 जनवरी को बैनामा करने के लिए एत्मादपुर तहसील आने को कहा। लेकिन आरोपी नहीं आए।
इस पर वह मुन्नी देवी व कालीचरन के घर पहुंचे तो आरोपियों ने बहाने बना दिए। इसके बाद दोबारा वकील से नोटिस भिजवाया मगर उन्होंने नोटिस नहीं लिए। इसके बाद आरोपियों ने 14 अगस्त 2023 को रजिस्टर्ड डाक से दो लिफाफे भेजे। एक लिफाफे में खाली कागज निकला। इस तरह आरोपियों की मंशा योजनाबद्ध तरीके से साजिश रचकर धन हड़पने की थी।
इस मामले में पुलिस ने जांच के बाद आरोपी कालीचरन, प्रीतम सिंह, मुन्नी देवी और बनवारीलाल निषाद के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र, अमानत में खयानत का केस दर्ज किया है। प्रभारी निरीक्षक एत्माद्दौला राजकुमार ने बताया कि साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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