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राधास्वामी सत्संग सभा के कब्जे पर चला बुलडोजर
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
राधास्वामी सत्संग सभा दयालबाग की स्थापना 26 मार्च 1910 को हुई थी। बाईलाज के मुताबिक 40 सदस्यीय सत्संग सभा का गठन धार्मिक, आध्यात्मिक, शैक्षिक गतिविधियों के लिए किया गया था। ब्रिटिश काल में जो जमीनें सत्संग सभा ने अधिगृहीत कीं और उसे दान में मिलीं, सभा उनका प्रबंधन करती है।
जमीनों के विवाद तब शुरू हुए, जब 1942 में ब्रिटिशकालीन भारत में कॉलोनी और खेतों के नाम पर जमीन अधिग्रहण के प्रस्ताव हुए। खासपुर, जगनपुर, घटवासन, मनोहरपुर, नगला तल्फी, पोइया घाट, लाल गढ़ी के किसानों के साथ विवाद शुरू हुए। तब से अब तक सत्संग सभा के खिलाफ प्रदर्शन, विवाद होते रहे हैं।
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पोइया घाट कब्जाने से शुरू हुआ विवाद
कुछ माह पहले सत्संग सभा ने खेतों के चक रोड, मेन रोड और नहर आदि की जमीन पर गेट लगाकर किसानों का आवागमन बंद कर दिया। 28 अप्रैल, 2023 को पोइया घाट पर 155 बीघा जमीन कब्जाने के साथ 10 हेक्टेयर जमीन पर गेट लगाने के मामले में प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की। नोटिस का समय बीतने पर शनिवार को बुलडोजर चलाया गया। बीते सप्ताह सभा के अध्यक्ष और दो उपाध्यक्षों को भूमाफिया घोषित करने की सिफारिश तहसील स्तरीय एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स कर चुकी है।
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