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श्रीकृष्ण जन्मस्थान
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
श्रीकृष्ण जन्मस्थान की जमीन पर मंदिर बनाने के लिए वर्ष 1815 में राजा पाटिनीमल ने अंग्रेजों से नीलामी में जिस जमीन को खरीदा था, उसका मुसलमानों ने विरोध किया और तत्कालीन कानून भी उनके पक्ष में रहा। इसके चलते ईदगाह की जमीन राजा पाटिनीमल के पास नहीं आ सकी। ब्रिटिश शाासन में मथुरा के डीएम रहे एफ एस ग्राउस की पुस्तक में लिखे इन तथ्यों को योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट के पक्षकारों ने अपने दावे का हिस्सा बनाया है।
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