Wednesday, January 8, 2025
Home Agra श्रीकृष्ण जन्मस्थान-ईदगाह मामला:प्रतिवादी के रूप में साथ खड़े दोनों पक्ष, कागजों में सेवा संघ जमीन का मालिक – 13.37 Acres Of Disputed Land In Mathura Is On Paper In The Name Of Shri Krishna Janmasthan Seva Sangh

श्रीकृष्ण जन्मस्थान-ईदगाह मामला:प्रतिवादी के रूप में साथ खड़े दोनों पक्ष, कागजों में सेवा संघ जमीन का मालिक – 13.37 Acres Of Disputed Land In Mathura Is On Paper In The Name Of Shri Krishna Janmasthan Seva Sangh

by amitsagar
0 comment

[ad_1]

श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर के बाहर तैनात पुलिस

श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर के बाहर तैनात पुलिस
– फोटो : अमर उजाला

ख़बर सुनें

यही कारण है कि मुस्लिम पक्ष बार-बार अदालत व बाहर केस लड़ने वालों से उनसे अदालत में केस डालने के अधिकार के बारे में पूछता है। अदालत में भी केस के स्थायित्व यानि कि 7/11 की बहस का मौका मिला है।

वर्ष 1968 में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और ईदगाह कमेटी के बीच का जो समझौता हुआ, उस समझौते में केवल तात्कालिक विवादों पर सहमति बनी। इसमें श्री कृष्ण जन्मस्थान के टीले पर मौजूद मुस्लिम बस्ती के कब्जे को हटाने के अलावा अन्य बिंदु भी शामिल रहे। इस बिंदु में कोई भी समझौता जमीन के मालिकाना हक को लेकर नहीं था। वर्ष 1993 में मनोहर लाल शर्मा एडवोकेट रामदेव शर्मा वृंदावन ने वर्ष 1968 के समझौते को चुनौती दी परंतु उनके केस में तकनीकी कमी होने के कारण खारिज हो गया। 

सेवा संघ ने समझौता गलत किया: मनीष यादव

अदालत में केस के पक्षकार मनीष यादव ने बताया कि चूंकि जो समझौता 1968 में हुआ तो वह समझौता श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ने ईदगाह कमेटी के साथ किया था। उस समझौते में श्री कृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट कहीं शामिल नहीं था। जबकि ट्रस्ट को ही असल में जमीन का मालिकाना हक है। 

समझौता और डिक्री दोनों को चुनौती दी है: शैलेष दुबे

वादी विष्णु गुप्ता के अधिवक्ता शैलेष दुबे ने बताया कि वर्ष 1968 में हुए समझौते और डिक्री को चुनौती दी है। चूंकि समझौता ईदगाह और श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के बीच हुआ है, इसलिए दोनों को हमने प्रतिवादी बनाया है।

ट्रस्ट मालिक है इसलिए चुनौती दी है: महेश चतुर्वेदी

श्री कृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट के अधिवक्ता महेश चतुर्वेदी ने बताया कि चूंकि ट्रस्ट ही 13.37 एकड़ जमीन का असली मालिक है और वाद दाखिल करने वालों द्वारा 1968 के समझौते को चुनौती दी है, इसलिए हमें प्रतिवादी बनाया है।

संस्थान ने राजीनाम बिना ट्रस्ट की अनुमति के किया: मुकेश खंडेलवाल

श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के अधिवक्ता मुकेश खंडेलवाल ने बताया कि संस्थान द्वारा जो राजीनामा किया, वह श्री कृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट की बिना अनुमति के किया। यह बात न्यायालय के रिकॉर्ड से साबित होती है। रेवेन्यू रिकॉर्ड तथा निगम के दस्तावेजों से यह बात साबित है कि ईदगाह वाली संपत्ति श्री कृष्ण जन्मभमि ट्रस्ट के नाम चली आ रही है। ट्रस्ट ही उसका कर जमा करता चला आ रहा है। 

जिन्होंने वाद दायर किए हैं, उन्हें वाद दायर करने का अधिकार नहीं: तनवीर

ईदगाह कमेटी के सचिव एडवोकेट तनवीर अहमद के अनुसार जिन लोगों ने अदालत में वाद दर्ज कराए हैं, उनको वाद दायर करने का कोई अधिकार ही नहीं हैं। उनके केस को खारिज किया जाना चाहिए। यहां तक कि बहुत से वादीगण केस डालकर पैरवी तक नहीं करते हैं।

विस्तार

यही कारण है कि मुस्लिम पक्ष बार-बार अदालत व बाहर केस लड़ने वालों से उनसे अदालत में केस डालने के अधिकार के बारे में पूछता है। अदालत में भी केस के स्थायित्व यानि कि 7/11 की बहस का मौका मिला है।

वर्ष 1968 में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और ईदगाह कमेटी के बीच का जो समझौता हुआ, उस समझौते में केवल तात्कालिक विवादों पर सहमति बनी। इसमें श्री कृष्ण जन्मस्थान के टीले पर मौजूद मुस्लिम बस्ती के कब्जे को हटाने के अलावा अन्य बिंदु भी शामिल रहे। इस बिंदु में कोई भी समझौता जमीन के मालिकाना हक को लेकर नहीं था। वर्ष 1993 में मनोहर लाल शर्मा एडवोकेट रामदेव शर्मा वृंदावन ने वर्ष 1968 के समझौते को चुनौती दी परंतु उनके केस में तकनीकी कमी होने के कारण खारिज हो गया। 

सेवा संघ ने समझौता गलत किया: मनीष यादव

अदालत में केस के पक्षकार मनीष यादव ने बताया कि चूंकि जो समझौता 1968 में हुआ तो वह समझौता श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ने ईदगाह कमेटी के साथ किया था। उस समझौते में श्री कृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट कहीं शामिल नहीं था। जबकि ट्रस्ट को ही असल में जमीन का मालिकाना हक है। 

समझौता और डिक्री दोनों को चुनौती दी है: शैलेष दुबे

वादी विष्णु गुप्ता के अधिवक्ता शैलेष दुबे ने बताया कि वर्ष 1968 में हुए समझौते और डिक्री को चुनौती दी है। चूंकि समझौता ईदगाह और श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के बीच हुआ है, इसलिए दोनों को हमने प्रतिवादी बनाया है।

ट्रस्ट मालिक है इसलिए चुनौती दी है: महेश चतुर्वेदी

श्री कृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट के अधिवक्ता महेश चतुर्वेदी ने बताया कि चूंकि ट्रस्ट ही 13.37 एकड़ जमीन का असली मालिक है और वाद दाखिल करने वालों द्वारा 1968 के समझौते को चुनौती दी है, इसलिए हमें प्रतिवादी बनाया है।

संस्थान ने राजीनाम बिना ट्रस्ट की अनुमति के किया: मुकेश खंडेलवाल

श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के अधिवक्ता मुकेश खंडेलवाल ने बताया कि संस्थान द्वारा जो राजीनामा किया, वह श्री कृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट की बिना अनुमति के किया। यह बात न्यायालय के रिकॉर्ड से साबित होती है। रेवेन्यू रिकॉर्ड तथा निगम के दस्तावेजों से यह बात साबित है कि ईदगाह वाली संपत्ति श्री कृष्ण जन्मभमि ट्रस्ट के नाम चली आ रही है। ट्रस्ट ही उसका कर जमा करता चला आ रहा है। 

जिन्होंने वाद दायर किए हैं, उन्हें वाद दायर करने का अधिकार नहीं: तनवीर

ईदगाह कमेटी के सचिव एडवोकेट तनवीर अहमद के अनुसार जिन लोगों ने अदालत में वाद दर्ज कराए हैं, उनको वाद दायर करने का कोई अधिकार ही नहीं हैं। उनके केस को खारिज किया जाना चाहिए। यहां तक कि बहुत से वादीगण केस डालकर पैरवी तक नहीं करते हैं।



[ad_2]

Source link

You may also like

Leave a Comment

About Us

We're a media company. We promise to tell you what's new in the parts of modern life that matter. Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Ut elit tellus, luctus nec ullamcorper mattis, pulvinar dapibus leo. Sed consequat, leo eget bibendum sodales, augue velit.

Facebook Twitter Youtube Linkedin Instagram

Fear for many online retailers as shoppers hit by trio of rising living costs

Recent Articles

Fear for many online retailers as shoppers hit by trio of rising living costs Daily horoscope: Your star sign reading, astrology and zodiac forecast Theory: Tom Holland’s Peter Parker replaced by Miles Morales in next trilogy

Featured

Latest box office bomb ‘will lose $100 million’ amid ongoing pandemic England vs South Africa free live stream: Watch Autumn Nations Series online White House plan aims to protect science from politics with new approach @2022 - All Right Reserved. Designed and Developed by PenciDesign