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जिन शहीदों ने कभी अपना जान न्यौछावर करके स्वतंत्रता आंदोलन के जरिए देश की आजादी का बिगुल फूंका था. आज वह खुद पहचान को मोहताज हो गए हैैं. ताजनगरी के बिजनेस कॉम्पलैक्स में स्थित शहीद स्मारक में शहीदों के सम्मान में उनकी प्रतिमाएं लगाई गईं थीं लेकिन यहां पर उनके सामने डिस्क्रिप्शन न होने के कारण यहां पर आने वाले विजिटर्स शहीदों की प्रतिमाओं के बारे में जानकारी नहीं पा पाते हैैं. आगराइट्स ने इसको लेकर सोशल मीडिया पर आवाज उठाई है.
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शहीदों की प्रतिमाओं पहचान का इंतजार
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