[ad_1]
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय
– फोटो : अमर उजाला
ख़बर सुनें
विस्तार
आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में निर्माण, भुगतान और नियुक्तियों में धांधली के मामले में एसटीएफ ने 30 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए हैं। इसमें विश्वविद्यालय के अधिकारी, प्रोफेसर और कर्मचारी शामिल हैं। अब एसटीएफ कॉलेज संचालकों को भी बयान दर्ज कराने के लिए बुला रही है।
विश्वविद्यालय में 2022 में जनवरी से सितंबर तक प्रभारी कुलपति रहे प्रो. विनय पाठक के कार्यकाल में भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी की जांच में आगरा और लखनऊ एसटीएफ ने 40 को नोटिस दिए हैं, इसमें से 30 की गवाही हो गई है। इसमें परीक्षा विभाग, गोपनीय विभाग, संबद्धता विभाग, कुलसचिव कार्यालय, एजेंसी कर्मचारी और कंप्यूटर ऑपरेटर शामिल हैं। सोमवार को प्रति कुलपति प्रो. अजय तनेजा, सहायक कुलसचिव पवन कुमार, पूर्व कुलसचिव संजीव कुमार सिंह, प्रो. वीरेंद्र कुमार और प्रो. अनिल गुप्ता, एसपी सरीन और राजीव कपिल ने लखनऊ में पहुंचकर बयान दर्ज कराए हैं।
ये भी दर्ज कराएंगे बयान
डीन एकेडमिक प्रो. संजीव शर्मा और सहायक कुलसचिव ममता सिंह को भी एसटीएफ का नोटिस मिला है, वे भी बयान दर्ज कराने जाएंगे। एसटीएफ से कॉलेज संचालकों ने भी केंद्र बनाने के लिए धनराशि की मांग करने की शिकायत की है। इस पर कॉलेज संचालकों से पूछताछ कर बयान दर्ज कर रही है। कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह का कहना है कि एसटीएफ जांच कर रही है और इससे संबंधित शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारियों के बयान दर्ज कराए हैं।
कॉलेज संचालक से की पूछताछ
विश्वविद्यालय के कुलपति रहे डॉ. अरविंद दीक्षित पर भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच विजिलेंस कर रही है। बीते महीने विजिलेंस नेे इनके कार्यकाल से जुड़े मामलों की 400 से अधिक पेज की रिपोर्ट प्राप्त की थी। इस मामले में शहर के एक कॉलेज संचालक से भी विजिलेंस ने पूछताछ की है।
[ad_2]
Source link