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जब भी बाजार जाती हूं, तो पहले घर से ये सोचकर निकलना पड़ता है कि अगर टॉयलेट जाना पड़े तो कहां जाना है. इस तरह की समस्या से सिर्फ शालिनी को ही नहीं जूझना पड़ता, बल्कि मोनिका, कंचन, हिमांशी और न जाने कितनी ऐसी महिलाएं हैं, जो रोज इसी तरह की चुनौती से जूझती हैं. इसके पीछे वजह है शहर में महिलाओं के लिए टॉयलेट न होना. जहां पिंक टॉयलेट बने भी हैं तो इनमें से अधिकतर बंद हैं या फिर ऐसी जगह बने हैं, जहां महिलाएं इनका इस्तेमाल करने में खुद को अनसेफ महसूस करती हैं.
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