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आगरा पुलिस की गाड़ी (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा में हत्या, धोखाधड़ी और लूटपाट जैसे गंभीर अपराधों की फाइलें सीबीसीआईडी में लटकी हैं। सवालों से बचने के लिए 40 पुलिसकर्मी बयान देने नहीं आ रहे हैं। डेढ़ साल से मामले लटके हैं। अब विभागीय अधिकारियों को नोटिस का जवाब देने के लिए पत्र लिखा जा रहा है।
सीबीसीआईडी के खंड आगरा में आगरा के साथ मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, हाथरस, कासगंज व अलीगढ़ जिला आता है। इन जिलों से संबंधित केस की विवेचना मानवाधिकार आयोग और शासन से ट्रांसफर होकर यहां आती हैं। इन पर सीबीसीआईडी के विवेचक फिर से अपनी विवेचना करते हैं। इसकी पूरी फाइल तैयार की जाती है। देखा जाता है कि पूर्व में किसने विवेचना की, क्या साक्ष्य लगाए, गवाह कौन था, पुलिसकर्मियों ने भी क्या बयान दिए? इसके बाद उन्हें बयान के लिए बुलाया जाता है।
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