Wednesday, January 8, 2025
Home Agra लहलहा रही अवैध निर्माणों की ‘फसल’:सस्ते प्लॉट के झांसे में फंस रहे खरीदार, एक्शन हुआ तो लाखों हो जाएंगे बेघर – Land Mafia Doing Illegal Plotting On Agricultural Land  and Selling In Agra

लहलहा रही अवैध निर्माणों की ‘फसल’:सस्ते प्लॉट के झांसे में फंस रहे खरीदार, एक्शन हुआ तो लाखों हो जाएंगे बेघर – Land Mafia Doing Illegal Plotting On Agricultural Land  and Selling In Agra

by amitsagar
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आगरा विकास प्राधिकरण

आगरा विकास प्राधिकरण
– फोटो : अमर उजाला

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केस एक: 17 नवंबर 2022 को एडीए ने बिचपुरी के चौहटना गांव में कृषि भूमि पर बन रही अवैध कॉलोनी को ध्वस्त किया था। यहां लगभग आठ हजार वर्ग मीटर भूमि पर बिना मानचित्र व अनुमति के दीवार और गेट लगाकर कॉलोनी का बोर्ड टांगने के बाद प्लॉटिंग हो रही थी।

केस दो: तीन नवंबर 2022 को बिचपुरी के चौहटना गांव में ही एडीए प्रवर्तन दल ने सात हजार वर्ग मीटर में निर्माणधीन अवैध कॉलोनी को ध्वस्त किया। इसका नक्शा पास नहीं था। कॉलोनी में गेट और सड़क बनाकर अवैध प्लॉटिंग हो रही थी। कृषि भूमि को आबादी का घोषित नहीं किया गया था। 

आगरा के सिकंदरा, रोहता, मलपुरा, बिचपुरी से लेकर शमसाबाद रोड तक कृषि भूमि पर अवैध निर्माणों की ‘फसल’ लहलहा रही है। प्राधिकरण और बिल्डरों की सांठगांठ से अवैध कॉलोनियां बनाई जा रही हैं। बिना मानचित्र स्वीकृति और अनुमति के प्लॉट बेचे जा रहे हैं। सस्ते प्लॉट के झांसे में खरीदार फंसकर अपनी रकम गवां रहे हैं। खरीदार के निर्माण करने पर एडीए नोटिस थमाकर निर्माण रोक देता है।

रिकॉर्ड में पहले से दर्ज हैं 254 अवैध कॉलोनियां

आगरा विकास प्राधिकरण के रिकॉर्ड में पहले से 254 अवैध कॉलोनियां हैं, जिन्हें काली सूची में रखा गया है। इनके अलावा करीब 18 हजार अवैध निर्माण हो चुके हैं। अब शहरी सीमा से लगे गांवों में कृषि भूमि को बिना एडीए की अनुमति और मानचित्र बिल्डर निजी कॉलोनियां बना दे रहे हैं। एडीए में हर माह ऐसी 20 से अधिक शिकायतें पहुंच रही हैं, जिसमें लोगों की रकम फंस रही है। शमसाबाद रोड स्थित रजरई के पास 600 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि पर 80 से अधिक अवैध कॉलोनियां खड़ी हैं। इनमें रहने वाले 50 हजार से अधिक लोग नाली, सीवर, पेयजल, बिजली, हरियाली जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं।
इधर, रुनकता, पनवारी, जऊपुरा, बिचपुरी, अंगूठी, मघटई, पथौली, अक्खे का नगला, कलवारी, उर्खरा, रोहता नहर तक बड़े पैमाने पर कृषि भूमि पर चारों तरफ दीवार खड़ीकर कॉलोनी में सस्ते प्लॉट का बोर्ड टांग दिया गया है। इसमें खरीदारों को फंसाया जा रहा है। आबादी भी बस रही है। सपोर्ट इंडिया संस्था के अध्यक्ष सुरेश चंद सोनी का आरोप है कि पूरा खेल पुलिस, प्रशासन, एडीए और बिल्डरों की मिलीभगत से चल रहा है। इसमें सत्तारूढ़ सफेदपोश का भी संरक्षण है।

मुख्यमंत्री के आदेश बेअसर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंडलायुक्त, जिलाधिकारी और एडीए उपाध्यक्ष को अवैध कॉलोनियों के सर्वे व ध्वस्तीकरण के आदेश दिए थे। एडीए ने चुनिंदा अवैध कॉलोनियों पर ध्वस्तीकरण की रस्म अदायगी की। इससे आदेश बेअसर साबित हुए। एक सर्वे के मुताबिक शहर में 250 से अधिक कॉलोनियां अवैध रूप से कृषि भूमि में विकसित हो रही हैं।

प्रमुख सचिव ने लगाई रोक

प्रमुख सचिव आवास नितिन गोकर्ण ने कृषि भूमि को बिना विकास प्राधिकरण की अनुमति गैर कृषि भूमि में बदलने पर रोक लगा दी है। इस संबंध में उन्होंने शुक्रवार को मंडलायुक्त, जिलाधिकारी और विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष को निर्देश जारी किए हैं। 

कड़ाई से होगा पालन

आगरा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष चर्चित गौड़ ने कहा कि शासन के निर्देश हैं कि कृषि भूमि का गैर कृषि उपयोग नहीं होगा। कड़ाई से निर्देशों का पालन कराया जाएगा। अवैध निर्माणों के विरुद्ध ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होगी। 

विस्तार

केस एक: 17 नवंबर 2022 को एडीए ने बिचपुरी के चौहटना गांव में कृषि भूमि पर बन रही अवैध कॉलोनी को ध्वस्त किया था। यहां लगभग आठ हजार वर्ग मीटर भूमि पर बिना मानचित्र व अनुमति के दीवार और गेट लगाकर कॉलोनी का बोर्ड टांगने के बाद प्लॉटिंग हो रही थी।

केस दो: तीन नवंबर 2022 को बिचपुरी के चौहटना गांव में ही एडीए प्रवर्तन दल ने सात हजार वर्ग मीटर में निर्माणधीन अवैध कॉलोनी को ध्वस्त किया। इसका नक्शा पास नहीं था। कॉलोनी में गेट और सड़क बनाकर अवैध प्लॉटिंग हो रही थी। कृषि भूमि को आबादी का घोषित नहीं किया गया था। 

आगरा के सिकंदरा, रोहता, मलपुरा, बिचपुरी से लेकर शमसाबाद रोड तक कृषि भूमि पर अवैध निर्माणों की ‘फसल’ लहलहा रही है। प्राधिकरण और बिल्डरों की सांठगांठ से अवैध कॉलोनियां बनाई जा रही हैं। बिना मानचित्र स्वीकृति और अनुमति के प्लॉट बेचे जा रहे हैं। सस्ते प्लॉट के झांसे में खरीदार फंसकर अपनी रकम गवां रहे हैं। खरीदार के निर्माण करने पर एडीए नोटिस थमाकर निर्माण रोक देता है।

रिकॉर्ड में पहले से दर्ज हैं 254 अवैध कॉलोनियां

आगरा विकास प्राधिकरण के रिकॉर्ड में पहले से 254 अवैध कॉलोनियां हैं, जिन्हें काली सूची में रखा गया है। इनके अलावा करीब 18 हजार अवैध निर्माण हो चुके हैं। अब शहरी सीमा से लगे गांवों में कृषि भूमि को बिना एडीए की अनुमति और मानचित्र बिल्डर निजी कॉलोनियां बना दे रहे हैं। एडीए में हर माह ऐसी 20 से अधिक शिकायतें पहुंच रही हैं, जिसमें लोगों की रकम फंस रही है। शमसाबाद रोड स्थित रजरई के पास 600 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि पर 80 से अधिक अवैध कॉलोनियां खड़ी हैं। इनमें रहने वाले 50 हजार से अधिक लोग नाली, सीवर, पेयजल, बिजली, हरियाली जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं।



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