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लेखाकार उमेश कुमार रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
उत्तर प्रदेश के आगरा में अपर निदेशक कोषागार और पेंशन विभाग का लेखाकार उमेश कुमार बृहस्पतिवार को 20 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। वह ग्रेच्युटी के भुगतान के लिए रिश्वत की मांग कर रहा था। एंटी करप्शन टीम ने शिकायत मिलने पर जाल बिछाया। पीड़ित को रिश्वत की रकम के साथ लेखाकार के पास भेजा। रकम हाथ में लेते ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। मामले में थाना रकाबगंज में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में मुकदमा दर्ज कराया गया है। आरोपी को शुक्रवार को मेरठ कोर्ट में पेश किया जाएगा।
हाथरस निवासी सैय्यद नईमुद्दीन शिक्षक थे। प्राथमिक विद्यालय नसी अली अल्वी इस्लामिया जूनियर हाईस्कूल, विकास खंड मैड्डू, हाथरस में तैनात थे। ड्यूटी पर रहने के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी। उनकी ग्रेच्युटी का भुगतान होना था। एंटी करप्शन, शाखा आगरा यूनिट के प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार ने बताया कि नईमुद्दीन के बेटे जुबैर हसन ने दो दिन पहले शिकायत की।
इसमें कहा कि डीएम कंपाउंड स्थित अपर निदेशक कोषागार और पेंशन कार्यालय में तैनात लेखाकार उमेश कुमार ने ग्रेच्युटी की फाइल आगे बढ़ाने के लिए रिश्वत में 20 हजार रुपये की मांग की है, जबकि ग्रेच्युटी के भुगतान के लिए हाईकोर्ट से भी आदेश हो चुके हैं। इसके बावजूद लेखाकार नहीं मान रहा है।
दो-दो हजार के नोट दिए
जुबैर की शिकायत पर एंटी करप्शन की टीम ने जाल बिछाया। बृहस्पतिवार दोपहर तीन बजे टीम प्रभारी निरीक्षक कुशलवीर सिंह, कल्पना गौतम सहित अन्य जुबैर के साथ कार्यालय पहुंचे। जुबैर को 2-2 हजार रुपये के दस नोट दिए गए थे। जुबैर उमेश के पास पहुंचा। उमेश ने रकम की मांग की। इस पर जुबैर ने उसे 20 हजार रुपये दिए। उसने रकम ले ली। इस पर टीम ने आरोपी को पकड़ लिया।
टीम उसे पकड़कर थाना रकाबगंज ले आई। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में मुकदमा लिखा गया। आरोपी को शुक्रवार को मेरठ कोर्ट में पेश किया जाएगा। अपर निदेशक कोषागार और पेंशन कार्यालय में एंटी करप्शन की टीम की कार्रवाई से हड़कंप मच गया। कर्मचारियों का विश्वास नहीं हो रहा था कि ग्रेच्युटी के लिए कोई शिकायत करेगा।
मेहनत की रकम पाने के लिए भी रिश्वत
आगरा में रिश्वत लेने के आरोप में किसी कर्मचारी के पकड़े जाने का यह कोई पहला मामला नहीं है। पिछले पांच साल में 25 से अधिक कर्मचारी पकड़े जा चुके हैं। मानदेय, पेंशन, ग्रेच्युटी आदि के भुगतान के लिए रिश्वत की मांग के मामले सामने आ चुके हैं। सबसे ज्यादा शिक्षा विभाग के बाबू और अधिकारी पकड़े गए। इसके अलावा बिजली, राजस्व, पुलिस विभाग के कर्मचारियों को एंटी करप्शन की टीम गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। एंटी करप्शन के निरीक्षक संजय कुमार ने बताया कि गत दो साल में ही 15 कर्मचारियों को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
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