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आगरा में राधास्वामी सत्संग सभा के कब्जे के मामले में ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा के पोइया घाट पर यमुना के डूब क्षेत्र, सार्वजनिक रास्ते व श्मशान घाट पर हुए कब्जे के विरोध में रविवार सुबह ग्रामीण यमुना में जल समाधि लेने पहुंचे। पुलिस ने उन्हें रोक दिया और जल समाधि नहीं लेने दी। इसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने खासपुर में पंचायत कर एलान किया कि जल्द किसान व ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने लखनऊ जाएगा।
राधास्वामी सत्संग सभा और दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट ने पोइया घाट पर यमुना के डूब क्षेत्र में तार की फेंसिंग करते हुए सड़क निर्माण किया है। जिसके विरोध में खासपुर, सिकंदरपुर, नगला तल्फी, लाल गढ़ी, मनोहपुर, जगनपुर के ग्रामीण व किसान आंदोलित हैं। शासन-प्रशासन से न्याय नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए रविवार को ग्रामीण खासपुर यमुना घाट पर पहुंचे। प्रदर्शन और नदी में जल समाधि व प्रदर्शन से पहले ही पुलिस फोर्स पहुंच गया। पुलिस ने ग्रामीणों को यमुना में जाने से रोक दिया। इसके बाद खासपुर ग्राम प्रधान भरत सिंह की अध्यक्षता में पंचायत हुई।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य चौधरी भूरी सिंह ने कहा हाईकोर्ट ने सिर्फ रास्तों पर स्टे किया है। डूब क्षेत्र में कोई स्टे नहीं। एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन हो रहा है। पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत के कारण सत्संगियों के अवैध कब्जे नहीं हटाए जा रहे। शांति प्रसाद ने कहा क्षेत्रीय सांसद राजकुमार चाहर ने आश्वासन दिया था उनकी जमीन पर कब्जा नहीं होने दिया जाएगा। लेकिन, कब्जे हो चुके हैं। जिन्हें हटाया नहीं जा रहा। सवाई सिंह और कमल सिंह ने कहा पहले क्षेत्रीय सांसद राजकुमार चाहर और क्षेत्रीय विधायक व सरकार में कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य से मिलेंगे।
ग्रामीणों ने कहा, यमुना घाट पर जाने पर रोक है। श्मशान में अंत्येष्टि के लिए भी ग्रामीणों को नहीं जाने दिया जा रहा। रास्तों में तार से फेंसिंग व बैरिकेडिंग कर रखी है। लठैत तैनात रहते हैं। सुंदर सिंह ने कहा 70 साल से ग्रामीणों का क्षेत्र में उत्पीड़न हो रहा है। मुख्यमंत्री से मिलकर ग्रामीण आगे की रणनीति तय करेंगे। कब्जे नहीं हटे तो आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
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