[ad_1]
आगरा विकास प्राधिकरण
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
आगरा में शमन शुल्क के नाम पर रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित जूनियर इंजीनियर मनोज मिश्रा की जांच आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) में अधूरी पड़ी है। 29 अप्रैल को एडीए उपाध्यक्ष ने इंजीनियर को निलंबित किया था। तीन दिन में जांच और एफआईआर के निर्देश दिए थे। आठ दिन बाद भी जांच का नतीजा नहीं निकल सका है।
ये है मामला
एडीए में अवैध निर्माण के सत्यापन की जिम्मेदार फील्ड स्टाफ पर है। जिनमें जूनियर इंजीनियर से लेकर सुपरवाइजर तक शामिल हैं। अवैध निर्माण के मामलों में अक्सर एडीए के इंजीनियर व कर्मचारियों पर अवैध वसूली के आरोप लगते रहते हैं, परंतु कार्रवाई नहीं होती। एडीए उपाध्यक्ष चर्चित गौड़ ने पहली बार शिकायत पर कार्रवाई करते हुए जूनियर इंजीनियर मनोज मिश्रा को निलंबित किया था।
ये भी पढ़ें – गुम गया पूरा परिवार: नैनीताल घूमने गया था दवा व्यापारी का परिवार, नहीं चल सका पता
आठ दिन बाद भी जांच अधूरी
आरोप था कि प्रतीक्षा एंक्लेव में निर्माणधीन भवन के शमन के नाम पर मकान मालिक से रिश्वत मांगी। मकान मालिक की शिकायत पर उपाध्यक्ष ने जूनियर इंजीनियर के विरुद्ध प्रवर्तन प्रभारी को जांच सौंपी। तीन दिन में जांच रिपोर्ट मांगी थी। एफआईआर दर्ज होती। परंतु आठ दिन बाद भी जांच अधूरी है। एडीए उपाध्यक्ष का कहना है कि निर्वाचन ड्यूटी के रिपोर्ट नहीं आ सकी। जल्द जांच रिपोर्ट आएगी।
[ad_2]
Source link