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कोतवाली बाह, आगरा
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यमुना के बीहड़ में बसे बाह के सुंसार गांव के लोगों को अब भी एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल पा रही है। 7 किमी लंबे बीहड़ के ऊबड़ खाबड़ रास्ते पर अस्पताल के लिए ट्रैक्टर ट्रॉली का सहारा लेना पड़ता है। शनिवार को प्रसव पीड़ा होने पर मीना देवी को उनका परिवार ट्रैक्टर से ट्रॉली में चारपाई पर लिटाकर बाह सीएचसी लाया था।
सीएचसी पर हुए प्रसव में मीना देवी ने बेटे को जन्म दिया। मीना देवी के पति देवेंद्र जेठानी आशा देवी ने बताया कि गांव में एंबुलेंस पहुंचती नहीं। ट्रैक्टर ट्रॉली से मीना को लाए थे। सीएचसी पर भर्ती करते ही स्टाफ नर्स ने दवा के नाम पर 400 रुपये ले लिए। प्रसव के बाद उन्होंंने 800 मांगे थे, 500 रुपये देने पड़े। जबकि दायी ने 400-400 रुपये मांगे, 200-200 लेने के बाद ही छुट्टी की। इस संबंध में पूछे जाने पर सीएचसी के अधीक्षक डॉ. जितेंद्र वर्मा ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है। जांच की जा रही है। दोषी के खिलाफ कार्रवाई के लिए सीएमओ को रिपोर्ट भेजी जाएगी। एंबुलेंस का संचालन उनके नियंत्रण में नहीं है।
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यहां भी नहीं पहुंचती एंबुलेंस
चंबल के बीहड़ के गांव गुढ़ा और झरनापुरा में भी एंबुलेंस नहीं पहुंचती। गांव के लोग बीमार को बाइक से अस्पताल तक लाते हैं। जबकि प्रसूता को ट्रैक्टर ट्रॉली से लाना पड़ता है।
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