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ड्राइविंग लाइसेंस।
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा संभागीय परिवहन विभाग से हर 3 माह में करीब 500 स्थाई ड्राइविंग लाइसेंस गुम हो जाते हैं। इस वजह से आवेदक परेशान रहते हैं। आवेदन की सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद डाक के माध्यम से लाइसेंस आवेदक के घर भेजा जाता है। गलत पता या अन्य कारण की वजह से हर 3 माह में 500 लाइसेंस आवेदकों तक नहीं पहुंचते हैं।
स्थाई ड्राइविंग लाइसेंस पाना कई लोगों के लिए मुश्किल भरा साबित हो रहा है। आवेदक और लाइसेंस के बीच में दीवार गलत पते बन रहे है। वर्ष 2019 से आरटीओ में ड्राइविंग लाइसेंस की व्यवस्था में बदलाव किया गया। आगरा कार्यालय के स्थान से लखनऊ से लाइसेंस बनकर आवेदक के निवास पर डाक के माध्यम से भेजे जाने लगे। तभी से यह समस्या खड़ी हो गई। हर तीन माह में लखनऊ से करीब 500 लाइसेंस आरटीओ कार्यालय वापस आ रहे है क्योंकि पता नहीं मिलता है। यहां पर कर्मचारी आवेदक के फोन से संपर्क करने का प्रयास करते है, जिसमें से कम लोग लाइसेंस लेने आते है। इसकी वजह अधिक समय के बाद जानकारी मिलना होता है। जब तक आवेदक डुप्लीकेट लाइसेंस का आवेदन कर देते हैं।
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