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Satsangis Attack on Police
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
आगरा में स्थानीय खुफिया तंत्र (एलआईयू) एक बार फिर फेल हो गया। सत्संगियों की तैयारी की थाह पुलिस व प्रशासनिक अफसर नहीं लगा पाए थे। उनके पास अपनी अलग वर्दी पहने बच्चे, महिलाएं और पुरुषों का एक ग्रुप भी था। पुलिस पर हमला करने के लिए कील लगे डंडे थे। इन्हें चलाने में माहिर ही नहीं, पथराव करने और बचने की कला भी सीखे हुए थे।
दयालबाग के डूब क्षेत्र में कब्जे के बारे में करीब 15 दिनों से प्रशासन की कार्रवाई चल रही है। दो केस दर्ज हुए थे। सत्संग सभा पर रास्तों को रोकने का आरोप लगाया गया। तीसरा केस शनिवार को दोबारा कब्जा करने का लिखा गया। इसके बावजूद पुलिस का खुफिया तंत्र सत्संगियों की तैयारी का आकलन नहीं कर सका।
रविवार को पुलिस व प्रशासनिक अफसर फोर्स के साथ कार्रवाई के लिए पहुंचे तो हकीकत का पता चला। 500 से ज्यादा पुलिस और पीएसी कर्मी एक गेट के आगे नहीं बढ़ सके। सत्संगियों की ओर से बच्चों और महिलाओं को ढाल बना देख महिला पुलिसकर्मियों को आननफानन बुलाना पड़ा।
सिर्फ कागजी रिपोर्ट का सहारा
ऐसा नहीं है कि पहली बार खुफिया तंत्र फेल हुआ है। शहर में कई बार बवाल की घटनाओं में सिर्फ कागजी रिपोर्ट का ही सहारा रहता है। बवाल के बाद हमलावर आसानी से निकल जाते हैं। शहर में छोटे-बड़े आयोजन, बैठकों के बारे में स्थानीय खुफिया तंत्र की रिपोर्ट ली जाती है। एलआईयू के अधिकारी जांच कर अपनी रिपोर्ट देते हैं। पर, यहां भी कागजी कार्रवाई तक ही बात रह गई।
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