[ad_1]
मथुरा के पटाखा बाजार में लगी आग
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
गोपालबाग में आतिशबाजी बेचने आए दुकानदारों के अरमानों पर पहले बरसात ने और फिर अग्रिकांड ने पानी फेर दिया। दुकानदारों ने बताया कि धनतेरस से आतिशबाजी बाजार लगना शुरू हो जाता है। धनतेरस को बारिश ने बाजार नहीं लगाने दिया और रविवार को हुए अग्रिकांड ने तो पूरी तरह से तबाह कर डाला। वहीं जिन लोगों ने रकम उधार लेकर दुकानें लगाईं थीं, उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वे रकम कैसे चुकाएंगे।
आतिशबाजी बाजार में हुए हादसे के बाद लोग प्रशासन की तैयारियों पर भी सवाल उठा रहे हैं। आतिशबाजी बाजार में न तो कोई दमकल की व्यवस्था थी। यही नहीं पास के तालाब में पानी भी नहीं भरा गया था। पूर्व चेयरमैन कृष्णकांत अग्रवाल ने बताया कि जब आतिशबाजी बाजार लगता था तो तालाब को भरवाया जाता था। दो दमकलों की व्यवस्था के अलावा आग बुझाने वाले यंत्र भी रहते थे। टीन शेड की व्यवस्था भी रहती थी। इस बार ऐसा कुछ नहीं किया गया। पूर्व चेयरमैन राकेश शर्मा ने कहा कि घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। आग लगने के बाद जब लोग तालाब की तरफ दौड़े तो देखा की वह सूखा है।
प्रति दुकान लिए गए 10-15 हजार रुपये
आतिशबाजी बाजार में दुकान लगाने के नाम पर दुकानदारों से प्रति दुकान 10 से 15 हजार रुपये लिए गए। किसने रकम ली, इसके बारे में कोई भी दुकानदार बोलने को तैयार नहीं है। इस बार दुकानों के लिए टिन की बजाय रेशमी कपड़े का टेंट बनाया गया, जो कि आग के फैलने में सहायक रहा। हादसे के बाद रकम वसूलने वाला ठेकेदार भी नदारद है। क्षेत्रीय लोगों ने डीएम, एसएसपी से जिम्मदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
डीएम-एसएसपी के सामने भिड़े चेयरमैन और मंडल अध्यक्ष
आग की सूचना पर स्थानीय विधायक, डीएम, एसएसपी मौके पर पहुंचे। इसी दौरान आतिशबाजी बाजार को लेकर भाजपा के मंडल अध्यक्ष राकेश बंसल ने सुरक्षा व्यवस्था और लापरवाही पर सवाल खड़े कर दिए। इसे लेकर चेयरमैन राजकुमार अग्रवाल से उनकी नोकझोंक हो गई। वहां मौजूद लोगों ने समझा बुझा कर मामला शांत कराया। मंडल अध्यक्ष का कहना था कि जब दुकानदारों से इतनी बड़ी धनराशि वसूली जा रही है तो सुरक्षा के इंतजाम क्यों नहीं किए गए।
दूर तक सुने गए धमाके, घरों को छोड़ भागे लोग
गोपालबाग के पटाखा बाजार में आग के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई। एक साथ चली आतिशबाजियों, पटाखों के धमाके दूर दूर तक सुने गए। अपने बचाव के लिए लोग घरों को छोड़ भाग खड़े हुए। मुकेश अग्रवाल एडवोकेट ने बताया कि जब हादसा हुआ था तब वह मांट से लौट रहे थे। राया से करीब दो किमी दूरी पर थे। धमाकों की आवाज सुनी और आसमान में धुआं देखा तो अपने परिचितों से फोन कर घटना की जानकारी ली। वहीं गोपालबाग के आसपास बने मकानों को छोड़कर भी लोग भाग खड़े हुए।
[ad_2]
Source link