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पिता के साथ कैप्टन शुभम गुप्ता
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा के लाल शुभम गुप्ता की शहादत की जानकारी पर बृहस्पतिवार को स्कूली दोस्त भी सांत्वना देने घर पहुंच गए। घर के बाहर गली में खड़े दोस्त भावुक थे। पूछने पर उन्होंने यही कहा कि शुभम एक बार जिससे मिल लेता था, उससे दोस्ती हो जाती थी। उसकी तो हर किसी से दोस्ती हो जाती थी। सेना में जाने के बाद भी वह 10-15 दिन में दोस्तों को फोन कर हालचाल पूछता था। स्कूली समय में भी पढ़ाई, खेलकूद और दूसरों की मदद के लिए हर वक्त तैयार रहता था।
एनडीए की परीक्षा हमने साथ दी थी
मधु नगर के मोहित माथुर ने बताया कि हमने स्कूली पढ़ाई साथ की। शुरू से ही सेना में जाने का सोचा था। हम दोनों ने एनडीए की परीक्षा भी दी। इसमें शुभम सफल हो गया, मैं रह गया। शुभम बोला, चल दोनों में से एक तो सेना में पहुंच ही गया। ट्रेनिंग में भी यही कहता मैं ठीक हूं, तुम सब कैसे हो।
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