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भारतीय नौसेना
– फोटो : अमर उजाला
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Death Penalty In Qatar: बेटे के घर आने की उम्मीद जागी तो पिता की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े। वो बोले, मेरा बच्चा जरूर घर आएगा, भगवान ने मेरी सुन ली। मुझे अपनी सरकार पर पूरा भरोसा है। वह कतर से सभी के लाल को सम्मानपूर्वक निकाल लाएगी। हमारे परिवार से विदेश मंत्रालय के कई अधिकारी लगातार संपर्क में हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि सब कुछ ठीक रहेगा।
कतर में जासूसी के आरोप में मुत्युदंड की सजा पाए आठ पूर्व नौसैनिकों की घर वापसी की उम्मीद पर परिजन खुश हैं। बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान कतर की अदालत ने मामले पर विचार के लिए जल्द ही सुनवाई शुरू करने का निर्णय लिया है। कतर की ही एक अदालत ने करीब एक साल से कैद आठ भारतीयों को जासूसी के आरोप में मुत्युदंड की सजा सुनाई है। ये सभी भारतीय नौसेना के काबिल अधिकारी थे और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर कतर की अल दहरा कंपनी में काम कर रहे थे।
इनमें एक पूर्व कमांडर संजीव गुप्ता आगरा के गांधी नगर निवासी हैं। पिता आरपी गुप्ता वर्तमान में दयालबाग में अपने एक दूसरे बेटे के घर में हैं। पूर्व कमांडर संजीव गुप्ता की पत्नी व अधिवक्ता बेटी उन्हें कतर से वापस लाने के लिए मेहनत कर रहीं हैं।
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बड़ी बेटी पेशे से अधिवक्ता
कमांडर संजीव गुप्ता की बड़ी बेटी पेशे से अधिवक्ता हैं। मां और बेटी हाथ थामे भारत और कतर में भागदौड़ कर रहीं थीं। वे इस प्रयास में हैं कि कहीं से सहायता मिल जाए, जिससे पिता घर लौट सकें।
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