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साइबर क्राइम का फाइल फोटो
– फोटो : amar ujala
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आगरा के थाना सिकंदरा के शास्त्रीपुरम में ठगी का काॅल सेंटर अमेरिकी नागरिक रिचर्ड ने खुलवाया था। वह संचालक अनुराग प्रताप के संपर्क में दो साल पहले आया था। उसने ट्रेनिंग देकर काॅल सेंटर खुलवाया। अपने देश के लोगों का डाटा देकर काॅल कराता था। इसके बाद रकम अपने खाते में ट्रांसफर करा लेता था। बिटक्वाइन में अपने साथियों को रकम भेजता था। 6 महीने में करीब 2000 अमेरिकी लोगों से ठगी की आशंका जताई जा रही है।
सिकंदरा के शास्त्रीपुरम में पुलिस ने काॅल सेंटर पकड़ा था। इसका संचालक आवास विकास काॅलोनी का अनुराग प्रताप सिंह था। उसके साथ 6 कर्मचारी भी पकड़े गए। पुलिस ने सभी से पूछताछ की। इसके बाद कई जानकारी हाथ लगीं। पुलिस ने अपनी तरफ से धोखाधड़ी और आईटी एक्ट में मामला दर्ज किया।
प्रभारी निरीक्षक आनंद कुमार शाही ने बताया कि काॅल सेंटर का पंजीकरण डियोसा एसेट के नाम से था। यहां से रात में अमेरिकी नागरिकों को काॅल करके लोन का झांसा दिया जाता था। इसके बाद उनकी जानकारी लेकर अमेरिकी सरगना को दे दी जाती थी। अमेरिका में रिचर्ड नामक व्यक्ति है, जिसका नाम सामने आया है। इस खेल में उसी का शातिर दिमाग है। अनुराग पहले एक काॅल सेंटर में नौकरी करता था। तभी वो रिचर्ड के संपर्क में आया था। दो साल पहले रिचर्ड ने ही उसे ठगी का तरीका सिखाया। इसके बाद छह महीने पहले आगरा में कॉल सेंटर खुलवा दिया था।
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बिटक्वाइन में मिलता था अनुराग को हिस्सा
पुलिस के मुताबिक, रिचर्ड ने ही काॅल सेंटर में काम करने वाले युवकों को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी। बात करने का तरीका बताया। इसके बाद लोगों का डाटा उपलब्ध कराया। कर्मचारी काॅल करके लोन का झांसा देते थे। अमेरिकी नागरिकों से सोशल सिक्योरिटी नंबर सहित अन्य जानकारी लेने के बाद रिचर्ड को उपलब्ध करा देते थे। वो नागरिकों की बैंक से जानकारी लेता था। खाते से रकम निकलने की कहकर बैंक से रकम रिफंड करा लेते थे। इसे नागरिकों को लोन आया समझाकर गिफ्ट वाउचर खरीदवाते थे। वाउचर का नंबर लेकर अपने खाते में यूएस डालर जमा करा लेता था। अनुराग को उसका हिस्सा बिटक्वाइन में मिलता था। इसके लिए अनुराग ने भारत में अपना एक खाता भी खोल रखा है।
मोबाइल में 55 अमेरिकियों की चैट
पुलिस ने आरोपियों के लैपटॉप, कंप्यूटर, हार्ड डिस्क को कब्जे में लिया है। इनको जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जाएगा। इसके अलावा संचालक के बैंक खाता और बिटक्वाइन खाता की जानकारी मिली है। वहीं 55 अमेरिकी लोगों की चैट भी आरोपी के मोबाइल में मिली है। इसमें डालर आने से लेकर लोगों से बातचीत की जानकारी है। आरोपियों ने पूछताछ में यह भी बताया कि 6 महीने में तकरीबन 2 हजार अमेरिकी नागरिकों के साथ धोखाधड़ी की। करोड़ों की रकम पार कर दी। पुलिस दूतावास की मदद से ठगी के शिकार लोगों की जानकारी जुटा रही है।
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