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जो हमें जीने के मायने देते हैं या फिर जो हमारी जीने ही वजह हैं अगर वही हमारी सांसों के दुश्मन बन जाएं तो बाहरी दुश्मनों की जरूरत नहीं होती है. हाल में अगर जिले का क्राइम हिस्ट्री को देखा जाए तो आठ महीने में 14 ऐसी हत्याएं हैं जिनसे अपनों के ही हाथ खून से रंगे हैं. किसी में बेटी ने मां की सुपारी दे डाली तो कहीं शक में आकर पति ने पत्नी का गला काट डाला. ऐसे ही कुछ मामलों पर आइए नजर डालते हैं….
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यहां अपने ही बने हैं कालित गैरों से शिकायत क्या करना
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