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साइबर क्राइम
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
साइबर अपराधियों ने डेयरी फर्म के खाते में सेंध लगा ली। फर्म संचालक के मोबाइल को लिंक भेजकर हैक कर लिया। इसके बाद नेट बैंकिंग चालू कर खाते से 50 लाख रुपये ट्रांसफर कर लिए। फर्म संचालक ने पुलिस की मदद ली है। रकम पश्चिम बंगाल के एक खाते में ट्रांसफर हुई है। पुलिस ने रकम को होल्ड करा दिया। अब आरोपियों को चिह्नित किया जा रहा है।
कमला नगर निवासी वैभव अग्रवाल की अजंता डेयरी मिल्क फूड प्रोडक्ट्स के नाम से फर्म है। फाउंड्री नगर और धौलपुर में फैक्टरी है। कमला नगर में कार्यालय है। फर्म का खाता पांच भाई संचालित करते हैं। 26 जनवरी की सुबह खाते से 50 लाख रुपये निकलने की जानकारी हुई थी। इस पर वैभव अग्रवाल ने रेंज साइबर थाना में शिकायत की। साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर काॅल कर शिकायत दर्ज हुई। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। रेंज थाना के प्रभारी निरीक्षक आकाश सिंह का कहना है कि फर्म के खाते से 50 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे। रकम को होल्ड करा दिया गया है। आरोपियों को चिह्नित करने की कार्रवाई की जा रही है।
मोबाइल को कर दिया रीसेट
पुलिस की जांच में पता चला कि साइबर अपराधियों ने फर्म की ईमेल आईडी में सेंध लगाई थी। इसके लिए पहले मोबाइल पर एक लिंक भेजा। लिंक पर क्लिक करने की वजह से एसएमएस फारवर्डर एप मोबाइल में डाउनलोड हो गया। इसकी मदद से साइबर अपराधियों ने जी मेल आईडी का संचालन अपने हाथ में ले लिया। इंटरनेट बैंकिंग का एक्सेस प्राप्त कर खाते से सीधे 50 लाख रुपये ट्रांसफर कर लिए गए। ईमेल आईडी की मदद से फर्म के दो मोबाइल को रीसेट भी कर दिया गया।
बेकार हो गए मोबाइल
पुलिस ने बताया कि फर्म संचालक की ईमेल आईडी से दो मोबाइल संचालित हो रहे थे। साइबर अपराधियों की ओर से मोबाइलों को ईमेल की मदद से रीसेट करने से उनका डाटा भी चला गया। फर्म संचालक को मोबाइल दोबारा से चालू करने में परेशानी का सामना करना पड़ा।
रकम कोलकाता के एक खाते में, कराई होल्ड
खाते से रकम निकलने की जानकारी होने पर एसआई चेतन भारद्वाज सहित उनकी टीम ने काम शुरू किया। जांच में पता चला कि रकम कोलकाता पश्चिम बंगाल के एक खाते में गई है। गृह मंत्रालय से समन्वय किया गया। इसके बाद बैंक से संपर्क किया गया। रकम को होल्ड करा दिया गया। इससे फर्म को रुपया वापस मिल जाएगा।
अनजान लिंक पर कभी नहीं करें क्लिक
– ईमेल आईडी में टू स्टेप सत्यापन चालू करना चाहिए।
– ईमेल का पासवर्ड यूनिक होना चाहिए। जन्मतिथि और वाहन का नंबर नहीं होना चाहिए। अंक, अंग्रेजी के शब्द और विशेष अक्षर या प्रतीक होने चाहिए।
– मोबाइल पर आने वाले अनजान लिंक पर कभी क्लिक नहीं करें।
– सोशल मीडिया एकाउंट का पासवर्ड भी मजबूत होना चाहिए।
– मोबाइल को चेक करते रहें कि उसमें कोई नया एप बिना अनुमति के डाउनलोड तो नहीं हुआ है।
आशंका : एंटी वायरस डाउनलोड करने पर बनाया शिकार
पुलिस की पूछताछ में फर्म संचालक ने बताया कि उनके मोबाइल पर एंटी वायरस डाउनलोड करने का मैसेज आया था। इस पर उन्होंने डाउनलोड कर दिया। इसके बाद भी उनके पास लिंक आने शुरू हुए थे। एक दिन क्लिक हो गया। इसके बाद ही मोबाइल को हैक करके रुपये पार कर लिए गए।
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