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घिरोर में सहकारी समिति पर यूरिया के लिए लगी किसानों की लाइन।
– फोटो : MAINPURI
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मैनपुरी/घिरोर। पहले डीएपी की किल्लत से परेशान किसान अब यूरिया के लिए सुबह होते ही लाइन में लग जाते हैं। घंटों लाइन में लगने के बाद भी किसानों को यूरिया नहीं मिल पा रही है। कई समितियों पर जहां ताला लटका रहता है तो वहीं निजी दुकानों पर ऊंचे दामों पर यूरिया मिल रही है। प्रशासन पर्याप्त यूरिया की उपलब्धता का दावा करता है तो वहीं हकीकत इससे अलग ही है।
जिले में बड़े पैमाने पर किसान गेहूं और आलू की खेती करती हैं। वर्तमान में दोनों ही फसलों में यूरिया की आवश्यकता है। ऐसे में किसान सहकारी समितियों के साथ ही अन्य केंद्रों पर यूरिया लेने के लिए पहुंच रहे हैं। लेकिन किसानों को यूरिया नहीं मिल पा रही है। घिरोर में तो किसानों की हालत और भी खराब है।
हाल ये है कि किसान यूरिया के लिए सुबह से ही सरकारी केंद्रों और समितियों पर कतार में लग जाते हैं। बुधवार को सुबह छह बजे ही कस्बा घिरोर स्थित कृभको किसान सेवा केंद्र पर किसानों की लाइन लगना शुरू हो गई थी। सुबह दस बजे केंद्र खुलने तक सवा सौ से अधिक किसान लाइन में लग चुके थे। लगभग चार घंटे के बाद यूरिया का वितरण शुरू हो सका। कई किसानों को पांच घंटे बाद यूरिया मिल सकी। वहीं कुछ किसान ऐसे भी थे जो लाइन में तो लगे थे, लेकिन उन्हें यूरिया नहीं मिल सकी। इसमें किसान ज्ञान सिंह, संजय, मनोज कुमार, कुंअर सेन, रामवीर सिंह को खाली हाथ ही लौटना पड़ा। वहीं सहकारी समितियों पर तो यूरिया उपलब्ध ही नहीं है। बुधवार को सहकारी समिति शाहजहांपुर, घिरोर और नगला भूड़ पर ताले लटके नजर आए। यहां यूरिया की उम्मीद में पहुंचने वाले किसान खाली हाथ ही लौटते रहे।
किसानों की बात
– खाद के लिए दो सहकारी समिति पर चक्कर लगाया जो बंद मिलीं। कई दिनों से खाद के लिए दौड़ रहे हैं, फिर भी खाद नही मिल पा रही है।
– नीरज कुमार, मुगलपुरा।
बाजार में खाद अधिक दामों में मिल रही है। किसान पहले से ही गोवंश से परेशान है। अब खाद के लिये दिन भर लाइन में खड़ा होना पड़ता है।
– दिनेश चंद्र, विघरई।
प्रयास है कि किसानों को यूरिया आसानी से उपलब्ध हो। सभी केंद्रों और दुकानों पर यूरिया उपलब्ध कराई जा रही है। अगर कहीं यूरिया नहीं मिल रही है तो किसान सहायक विकास अधिकारी कृषि या सीधे मुझे अवगत करा सकते हैं।
– डॉ. सूर्यप्रताप सिंह, जिला कृषि अधिकारी।
मैनपुरी/घिरोर। पहले डीएपी की किल्लत से परेशान किसान अब यूरिया के लिए सुबह होते ही लाइन में लग जाते हैं। घंटों लाइन में लगने के बाद भी किसानों को यूरिया नहीं मिल पा रही है। कई समितियों पर जहां ताला लटका रहता है तो वहीं निजी दुकानों पर ऊंचे दामों पर यूरिया मिल रही है। प्रशासन पर्याप्त यूरिया की उपलब्धता का दावा करता है तो वहीं हकीकत इससे अलग ही है।
जिले में बड़े पैमाने पर किसान गेहूं और आलू की खेती करती हैं। वर्तमान में दोनों ही फसलों में यूरिया की आवश्यकता है। ऐसे में किसान सहकारी समितियों के साथ ही अन्य केंद्रों पर यूरिया लेने के लिए पहुंच रहे हैं। लेकिन किसानों को यूरिया नहीं मिल पा रही है। घिरोर में तो किसानों की हालत और भी खराब है।
हाल ये है कि किसान यूरिया के लिए सुबह से ही सरकारी केंद्रों और समितियों पर कतार में लग जाते हैं। बुधवार को सुबह छह बजे ही कस्बा घिरोर स्थित कृभको किसान सेवा केंद्र पर किसानों की लाइन लगना शुरू हो गई थी। सुबह दस बजे केंद्र खुलने तक सवा सौ से अधिक किसान लाइन में लग चुके थे। लगभग चार घंटे के बाद यूरिया का वितरण शुरू हो सका। कई किसानों को पांच घंटे बाद यूरिया मिल सकी। वहीं कुछ किसान ऐसे भी थे जो लाइन में तो लगे थे, लेकिन उन्हें यूरिया नहीं मिल सकी। इसमें किसान ज्ञान सिंह, संजय, मनोज कुमार, कुंअर सेन, रामवीर सिंह को खाली हाथ ही लौटना पड़ा। वहीं सहकारी समितियों पर तो यूरिया उपलब्ध ही नहीं है। बुधवार को सहकारी समिति शाहजहांपुर, घिरोर और नगला भूड़ पर ताले लटके नजर आए। यहां यूरिया की उम्मीद में पहुंचने वाले किसान खाली हाथ ही लौटते रहे।
किसानों की बात
– खाद के लिए दो सहकारी समिति पर चक्कर लगाया जो बंद मिलीं। कई दिनों से खाद के लिए दौड़ रहे हैं, फिर भी खाद नही मिल पा रही है।
– नीरज कुमार, मुगलपुरा।
बाजार में खाद अधिक दामों में मिल रही है। किसान पहले से ही गोवंश से परेशान है। अब खाद के लिये दिन भर लाइन में खड़ा होना पड़ता है।
– दिनेश चंद्र, विघरई।
प्रयास है कि किसानों को यूरिया आसानी से उपलब्ध हो। सभी केंद्रों और दुकानों पर यूरिया उपलब्ध कराई जा रही है। अगर कहीं यूरिया नहीं मिल रही है तो किसान सहायक विकास अधिकारी कृषि या सीधे मुझे अवगत करा सकते हैं।
– डॉ. सूर्यप्रताप सिंह, जिला कृषि अधिकारी।
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