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मैनपुरी। घिरोर के कोसमा मुसलमीन में पुलिस द्वारा बरामद किए गए कछुआ।
– फोटो : MAINPURI
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घिरोर (मैनपुरी)। गांव कोसमा मुसलमीन के ग्रामीणों से रविवार की देर शाम मिली सूचना पर पुलिस ने एक खेत में बोरों में बंद करीब 298 जिंदा कछुआ बरामद किए। संभावना जताई जा रही है कि इन्हें तस्करी के लिए यहां छिपाकर रखा गया था। लेकिन तस्कर इन्हें किसी कारण नहीं ले जा सके। पुलिस अब तस्करों के बारे में जानकारी जुटा रही है।
थाना क्षेत्र के गांव कोसमा मुसलमीन गांव में कुछ ग्रामीण जब खेत की ओर गए तो उन्हें खेत में कुछ आहट सुनाई दी। सरसों के खेत में जाकर देखा कि वहां करीब 10 बोरे डले थे। उन में हलचल हो रही थी, किसी अनहोनी की आशंका से ग्रामीण घबरा गए। लेकिन फिर हिम्मत कर ग्रामीणों ने एक बोरा खोला तो उसमें से जिंदा कछुआ निकले। ग्रामीणों ने इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी तो प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र पाल सिंह, चौकी इंचार्ज कोसमा अभिमन्यु सिंह के साथ पहुंच गए। सभी बोरों को खोलकर देखा तो उसमें जिंदा कछुआ भरे हुए थे।
ग्रामीणों ने बताया कि उक्त खेत गांव निवासी जीतू अली का है। पुलिस बरामद सभी बोरों को थाने ले गई और गिनती के दौरान कछुओं की संख्या 298 निकली। थाना पुलिस द्वारा वन विभाग को भी सूचना दी गई। पुलिस बरामदगी को कछुआ तस्करी से जोड़ कर देख रही है। हालांकि अभी तक पुलिस ने इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं की है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव का ही एक व्यक्ति कछुआ तस्करी में लिप्त है, पुलिस उसके बारे में भी जानकारी जुटा रही है।
करीब 15 लाख है कछुओं की कीमत
गांव कोसमा मुसलमीन में तस्करी के मकसद से छिपाकर रखे गए 298 कछुआ तस्करों के बेचने से पहले ही पुलिस के हाथ लग गए। कुछ जानकार लोगों का कहना है कि बरामद हुए कछुओं की अनुमानित कीमत करीब 15 लाख रुपया के आसपास है। कछुआ तस्करी बंगाल आदि स्थानों पर मंहगे दाम में बिक्री करते हैं। वहां कछुआ का मीट से लेकर कवच, नाखून आदि भी विदेश में मंहगे दाम पर बेचे जाते हैं। तंत्र क्रिया आदि में प्रयोग किया जाता है।
आगरा की टीम लेकर जाएगी कछुआ
वन विभाग के उपनिरीक्षक सुशील कुमार तिवारी का कहना है कि कोर्ट से सीवर बनाकर रिलीव कराने का आदेश हो गया है। कीठम झील आगरा से टीम आ रही है, वहीं इन कछुओं को लेकर जाएगी और इन्हें वहां छोड़ दिया जाएगा।
घिरोर (मैनपुरी)। गांव कोसमा मुसलमीन के ग्रामीणों से रविवार की देर शाम मिली सूचना पर पुलिस ने एक खेत में बोरों में बंद करीब 298 जिंदा कछुआ बरामद किए। संभावना जताई जा रही है कि इन्हें तस्करी के लिए यहां छिपाकर रखा गया था। लेकिन तस्कर इन्हें किसी कारण नहीं ले जा सके। पुलिस अब तस्करों के बारे में जानकारी जुटा रही है।
थाना क्षेत्र के गांव कोसमा मुसलमीन गांव में कुछ ग्रामीण जब खेत की ओर गए तो उन्हें खेत में कुछ आहट सुनाई दी। सरसों के खेत में जाकर देखा कि वहां करीब 10 बोरे डले थे। उन में हलचल हो रही थी, किसी अनहोनी की आशंका से ग्रामीण घबरा गए। लेकिन फिर हिम्मत कर ग्रामीणों ने एक बोरा खोला तो उसमें से जिंदा कछुआ निकले। ग्रामीणों ने इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी तो प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र पाल सिंह, चौकी इंचार्ज कोसमा अभिमन्यु सिंह के साथ पहुंच गए। सभी बोरों को खोलकर देखा तो उसमें जिंदा कछुआ भरे हुए थे।
ग्रामीणों ने बताया कि उक्त खेत गांव निवासी जीतू अली का है। पुलिस बरामद सभी बोरों को थाने ले गई और गिनती के दौरान कछुओं की संख्या 298 निकली। थाना पुलिस द्वारा वन विभाग को भी सूचना दी गई। पुलिस बरामदगी को कछुआ तस्करी से जोड़ कर देख रही है। हालांकि अभी तक पुलिस ने इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं की है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव का ही एक व्यक्ति कछुआ तस्करी में लिप्त है, पुलिस उसके बारे में भी जानकारी जुटा रही है।
करीब 15 लाख है कछुओं की कीमत
गांव कोसमा मुसलमीन में तस्करी के मकसद से छिपाकर रखे गए 298 कछुआ तस्करों के बेचने से पहले ही पुलिस के हाथ लग गए। कुछ जानकार लोगों का कहना है कि बरामद हुए कछुओं की अनुमानित कीमत करीब 15 लाख रुपया के आसपास है। कछुआ तस्करी बंगाल आदि स्थानों पर मंहगे दाम में बिक्री करते हैं। वहां कछुआ का मीट से लेकर कवच, नाखून आदि भी विदेश में मंहगे दाम पर बेचे जाते हैं। तंत्र क्रिया आदि में प्रयोग किया जाता है।
आगरा की टीम लेकर जाएगी कछुआ
वन विभाग के उपनिरीक्षक सुशील कुमार तिवारी का कहना है कि कोर्ट से सीवर बनाकर रिलीव कराने का आदेश हो गया है। कीठम झील आगरा से टीम आ रही है, वहीं इन कछुओं को लेकर जाएगी और इन्हें वहां छोड़ दिया जाएगा।
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