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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा विश्वविद्यालय में मेडिकल परीक्षा की कॉपियां बदलने के मामले को लेकर ईडी की पूछताछ में कई नए तथ्य सामने आए हैं। जांच में पता चला है कि परीक्षा कराने वाली एजेंसी डिजिटेक्स्ट टेक्नोलॉजी का संचालक डेविड मारियो डेनिस इस मामले का खुलासा होने के बाद विश्वविद्यालय के अधिकारियों को खुद को क्लीन चिट दिलाने का दबाव बना रहा था। वह एजेंसी के खिलाफ एफआईआर होने पर विश्वविद्यालय में चल रहे कमीशनखोरी के खेल का पर्दाफाश करने की धमकी दे रहा था।
बता दें कि ईडी ने इस मामले में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करने के बाद डेविड मारिया डेनिस, छात्र नेता राहुल पाराशर और टेंपो चालक देवेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया है। तीनों को सात दिन की कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ जारी है। ईडी ने इस प्रकरण में विश्वविद्यालय में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों से भी पूछताछ की, जिन्होंने बताया कि डेविड मारियो कई सालों से विश्वविद्यालय के अधिकतर काम कर रहा था। उसका दबदबा होने की वजह से किसी भी दूसरी एजेंसी को काम नहीं मिलता था।
वहीं छात्रनेता राहुल पाराशर एजेंसी के कई कर्मचारियों के संपर्क में था। उनके जरिए ही कॉपियों को बदलने की साजिश रची गई थी। इस प्रकरण में जब आगरा पुलिस की एसआईटी ने एजेंसी के कर्मचारियों अतुल कटियार, रवि उर्फ रविंद्र राजपूत और इंजमाम उल हक को गिरफ्तार कर लिया तो मारियो को अपनी गर्दन फंसती दिखने लगी। वहीं, विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने दूसरी कंपनी को परीक्षा का काम दे दिया। इससे नाराज होकर मारियो ने अक्टूबर माह में विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ कमीशनखोरी का मुकदमा दर्ज करा दिया।
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