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– फोटो : istock
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आगरा में करीब 35 साल पहले घर में घुसकर मारपीट, हत्या की कोशिश के मामले में सभी गवाह कोर्ट में अपनी पूर्व की गवाही से मुकर गए। इस पर अपर जिला जज 16 अपूर्व सिंह ने किरावली के गांव अभुआपुरा निवासी खेम सिंह और रामधन को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। साथ ही गवाही से मुकरने पर वादी के विरुद्ध विधिक कार्रवाई के आदेश दिए।
अछनेरा थाने में मुरारीलाल ने केस दर्ज कराया था। आरोप लगाया कि उसके फूफा और परिवार के अन्य लोगों का खेत में शामिल खाता था। इस वजह से प्रताप सिंह ने अधिक जमीन जोत ली। उन्होंने बंटवारे के लिए अदालत में मुकदमा किया। इस बात से परिवार के अन्य लोग नाराज हो गए। मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया।
आरोप है कि मना करने पर 22 मार्च 1988 की रात 10 बजे प्रताप सिंह और उसका बेटा खेम सिंह, रामधन उसके साले फौरन सिंह ने उनके घर पर लाठी-डंडे से हमला बोल दिया। मारपीट कर फूफा के बेटे सुखबीर पर मिट्टी का तेल छिड़क उसे आग के हवाले कर दिया। प्रताप सिंह और फौरन सिंह मौत हो जाने के कारण उनके विरुद्ध मुकदमे की कार्रवाई बंद कर दी गई।
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