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कोर्ट का आदेश
– फोटो : न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर
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उत्तर प्रदेश के आगरा में महिला की दुष्कर्म के बाद हत्या करने के मामले में मृतका का पति, बेटा और बेटी कोर्ट में गवाही से मुकर गए। अपर जिला जज रनवीर सिंह-13 ने साक्ष्य के अभाव में आरोपी बरी करने का आदेश दिया। साथ ही अदालत में गवाही से मुकरने पर मृतका के पति के खिलाफ-344 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत विधिक करने के आदेश दिए।
फर्श पर मृत पड़ी थी महिला
मामला बरहन थाना के गांव सैफुद्दीनपुर का है। बरहन थाने में वादी ने तहरीर दी। बताया कि छह मार्च 2017 बेटा और बेटी घर के पास ही गली में कीर्तन सुनने के लिए गए। रात करीब नौ बजे घर वापस आए तो दरवाजा बंद था। बच्चों ने दरवाजा खोलने के लिए मां को आवाज लगाई। इसके बाद दरवाजा खोलकर आरोपी धर्मवीर घर से निकलकर भागा। बच्चों ने अंदर आकर देखा तो उनकी मां मृत अवस्था में फर्श पर पड़ी थी।
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अदालत में पेश किए गए नौ गवाह
बच्चों के चीखने की आवाज सुनकर पड़ोसी मौके पर आ गए। उन्होंने फोन कर वादी को घटना के बारे में जानकारी दी। वादी उस समय सादाबाद में आलू की मजदूरी करने के लिए गया था। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के पर हत्या और दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया। विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से वादी के बेटा और बेटी सहित नौ गवाह अदालत में पेश किए गए।
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आरोपी का डीएनए भी नहीं हुआ मैच
गवाही के दौरान वादी और उसके बेटा, बेटी ने अभियोजन के कथन का समर्थन नहीं किया। पुलिस ने भी दुष्कर्म के बाद मिले साक्ष्यों को आरोपी के डीएनए से मैच नहीं कराया। अगर ऐसा होता तो गवाहों के मुकरने के बाद भी अभियोजन आरोपी को सजा दिलाने में कामयाब होता।
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