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एटीएम कार्ड
– फोटो : पीटीआई
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आगरा के राजपुर चुंगी स्थित आईसीआईसीआई बैंक के एटीएम में रुपये निकालने आए एक व्यक्ति को साइबर अपराधियों ने शिकार बनाया। एटीएम में गड़बड़ी कर डेबिट कार्ड फंसा दिया। एक युवक ने मदद का झांसा देकर काॅल सेंटर के नाम पर अपने साथी से बात कराकर कार्ड की जानकारी ले ली। खाते से 5.53 लाख रुपये निकाल लिए। पुलिस का कहना है कि क्लोन डेबिट कार्ड से रकम निकाले जाने की आंशका है। जांच की जा रही है।
शहीद नगर निवासी विनीत शर्मा ने पुलिस को बताया कि वह एक टोल कंपनी में काम करते हैंं। कंपनी का चालू खाता सिकंदरा-बोदला मार्ग स्थित आईसीआईसीआई बैंक की शाखा में है। 1 अक्तूबर की दोपहर अपने बहनोई हेमेंद्र वशिष्ठ को राजपुर चुंगी स्थित बैंक के एटीएम से कुछ धनराशि निकालने के लिए भेजा था। धनराशि निकलने के बाद मशीन में डेबिट कार्ड फंस गया। तभी एक युवक ग्राहक की तरह आ गया। वह कार्ड निकालने में मदद करने लगा। तभी उसने केबिन में नोटिस बोर्ड पर पेन से लिखे हेल्पलाइन नंबर को अपने फोन से मिलाकर बात करा दी।
बात करने वाले ने खुद को बैंक का ग्राहक सेवा प्रतिनिधि बताया। इस पर उन्होंने विश्वास कर लिया। मशीन में लगे कुछ बटन दबाकर और ओटीपी पूछा। कुछ देर बाद कार्ड बाहर आ गया। वह घर चले गए। बैंक से मैसेज आने पर पता चला कि खाते से 34 बार में 5.53 लाख रुपये निकाल लिए गए। उन्होंने साइबर सेल और थाना ताजगंज में शिकायत की।
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डिलीट का बटन, गुप्त कोड, फिर एंटर दबाने को कहा
पुलिस का कहना है कि कार्ड पीड़ित के पास ही है। ऐसे में आशंका क्लोन डेबिट कार्ड बनाने की है। इसके लिए मशीन में स्कीमर भी लगाया गया हो सकता है। एटीएम केबिन में आए युवक ने अपने फोन से हेमेंद्र वशिष्ठ की बात कराई थी। बात करने वाला भी युवक का ही साथी था। उसने कहा था कि कार्ड लगाने वाली जगह के नीचे लगे बटन को दबाओ। दो बार डिलीट का बटन दबाने को कहा। पिन नंबर डालकर दो बार एंटर भी कराया। तब कार्ड बाहर आ गया। यह मशीन में गड़बड़ी से ही किया जा सकता है। खाते से जो रकम निकली। उसमें ज्यादातर पेट्रोल पंप से कैश कराई गई। एटीएम से भी निकाली गई। पुलिस केबिन में लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से आरोपी की पहचान के प्रयास में लगी है। वहीं पेट्रोल पंपों से भी जानकारी जुटाई जा रही है।
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आप भी रहें सावधान
साइबर सेल के प्रभारी निरीक्षक सुल्तान सिंह ने बताया कि एटीएम से रुपये निकालते समय सावधान रहने की जरूरत है। किसी अंजान व्यक्ति की मदद नहीं लेनी चाहिए। अपनी गोपनीय जानकारी नहीं बताएं। कार्ड फंसने पर बैंक को जानकारी दें। किसी अंजान व्यक्ति से हेल्पलाइन नंबर नहीं पूछें।
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