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मथुरा जंक्शन
– फोटो : अमर उजाला
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मथुरा जंक्शन से लेकर वृंदावन तक तैयार होने वाली ब्रॉडगेज लाइन की राह में रोड़ा बनी नई बस्ती को रेलवे शीघ्र ही हटाने पर अडिग है। रेलवे को नई बस्ती की ओर से दायर किए गए सिविल केस की कोई जानकारी नहीं है। उधर, नई बस्ती के लोगों को कहना है कि उन्होंने दावे के साथ जमीन संबंधी सभी कागजात अदालत में दाखिल किए हैं।
402 करोड़ का है प्रोजेक्ट
मथुरा-वृंदावन ब्रॉडगेज का पूरा प्रोजेक्ट 402 करोड़ का है। फिलहाल यह काम प्रथम स्टेज पर है। काम में देरी होने का कारण श्रीकृष्ण जन्मस्थान से पहले रेलवे लाइन के दोनों और बसी नई बस्ती है। इसमें करीब 150 घर हैं, जिनमें से 130 घरों को रेलवे द्वारा अंतिम नोटिस दिया जाना है। रेलवे के भू संपत्ति अधिकारी के यहां भी इस मामले में सुनवाई चल रही थी। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक यहां नई बस्ती के लोगों ने कोई ऐसे कागजात नहीं दिखाए है, जिससे स्पष्ट हो सके कि यह जमीन नई बस्ती के निवासियों की है।
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ये बोले रेलवे पीआरओ
रेलवे की आगरा मंडल की पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि रेलवे जल्द ही पुलिस तथा प्रशासन की मदद से नई बस्ती के लोगों को हटाने की प्रक्रिया शुरू करेगी। उधर नई बस्ती के मामले को अदालत तक ले जाने याकूब शाह ने बताया कि उन्होंने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में 29 मई को दावा किया है, जो कि 31 को दर्ज हुआ और इसके बाद रेलवे के खिलाफ नोटिस जारी हुए हैं। उन्होंने बताया कि दो जून को नोटिस देने के लिए आए रेलवे कर्मचारियों को इस दावे की प्रति दे दी तथा डीग गेट चौकी इंचार्ज को भी इसकी प्रति दी है।
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