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राम बरात चौक बाजार, स्वामी घाट, द्वारिकाधीश बाजार, छत्ता बाजार, होली गेट, कोतवाली रोड होते हुए भरतपुर गेट पर बनी जनकपुरी में देर रात पहुंची। यहां राजा जनक, अपने दामाद श्रीराम की मनमोहक छठा देख भाव भिवोर हो गए। समधि दशरथ के गले लग पड़े। भोर में जनकपुरी में श्रीराम का माता जानकी से विवाह हुआ। इस बीच श्रीराम-सिया के जयकारों से आकाश गुंजायमान हो उठा। जनकपुरी समिति द्वारा मुनि वशिष्ठ, विश्वामित्र व राजा दशरथ की मिलनी की गई।
खेली माता काली, खूब बजीं ताली
योगीराज भगवान श्रीकृष्ण की नगरी में मर्यादा पुरुषोत्तम की बरात में भक्त झूमते-नाचते-जयकारे लगाते चल रहे थे। इसमें 70 से अधिक झांकियां शामिल रहीं। कई शहरों के प्रख्यात बैंड बरात की शोभा बने। अखाड़ों ने भी अपनी कला का प्रदर्शन किया। पग-पग पर पुष्पों से बरात का स्वागत किया। माता काली ने तलवार के साथ करतब दिखाए। उनके करतबों पर लोगों ने खूब तालियां बजाईं।
इन्होंने किया स्वागत
चौक बाजार स्थित अवधपुरी में स्व. किशनचंद शर्मा चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में पं. मनोज शर्मा व पं. बादल शर्मा ने अवधपुरी में स्वागत सत्कार किया। इनके साथ स्वामी अनिल शर्मा, रामलीला सभा के सभापति जयंती प्रसाद अग्रवाल, रविकांत गर्ग, गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी, जुगलकिशोर अग्रवाल, नंदकिशोर अग्रवाल, मूलचंद गर्ग, विजय सर्राफ किरोड़ी, प्रदीप सर्राफ, शैलेष अग्रवाल, अजय मास्टर, पं. शशांक पाठक, संजय बिजली, नगेंद्र मोहन मित्तल, पं. अमित भारद्वाज, अजयकांत गर्ग, शोभाराम शर्मा, सोहनलाल शर्मा, नारायण प्रसाद शर्मा, मदनमोहन श्रीवास्तव, चिंताहरण चतुर्वेदी, राजनारायण गौड़, रशीद कुरैशी आदि मौजूद रहे।
आकर्षण का केंद्र बनीं झांकियां
श्रीराम की बरात में चंद्रयान-3, खाटू श्याम, तिरुपति बालाजी सहित भगवान शिव का परिवार, मां वैष्णो देवी, राधाकृष्ण, हनुमान जी, बिहारी जी, चंद्र लोक, कैलाश पर्वत, मां कैला देवी, गरुण गोविंद, श्रीनाथ जी सहित 70 से अधिक झांकियां लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रहीं। लोगों ने पुष्प वर्षा कर बरात का जगह-जगह स्वागत किया। राम बरात में राजा रामचंद्र के जयघोष से कृष्ण नगरी राममय हो गई।
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