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मथुरा के पटाखा बाजार में लगी आग
– फोटो : अमर उजाला
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मथुरा के राया पटाखा बाजार हादसे में जान गंवाने वाले 13 वर्षीय राहुल का शव रविवार को नौहझील में पहुंचा। गमगीन माहौल में उसका अंतिम संस्कार हुआ। तहेरे भाई ललित ने शव को मुखाग्नि दी।
दिवाली के दिन राया के गोपाल बाग में सजे अस्थाई पटाखा बाजार में आग लग गई थी। इस हादसे में 17 लोग झुलस गए थे। मंगलवार से मौतों का सिलसिला शुरू हुआ। शनिवार तक इस हादसे के झुलसे 10 लोगों की जान चली गई। राहुल अपने परिवार का इकलौता चिराग था। उसके माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी है घर में सिर्फ 16 साल की बहन सोनिया बची है, जो दादी के पास रहती है।
राहुल अपने मामा पप्पू उर्फ धर्मेंद्र के पास तुलागढ़ी सुरीर में रहता था। वह 8वीं कक्षा में पढ़ रहा था। शनिवार को एम्स में मौत होने के बाद शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका। इसके चलते रविवार को शव पोस्टमार्टम के बाद दोपहर में गांव में लाया गया। यहां शव को देख बहन सोनिया सहित दादी, चाचा, चाची व अन्य परिजन और गांव वाले फफक उठे। 13 वर्षीय राहुल की मां गुड्डी देवी की मौत 12 साल पहले बीमारी से हो गई थी। उस वक्त राहुल एक वर्ष का था। इसकी बहन सोनिया चार साल की थी।
पिता दिनेश चंद दोनों बच्चों का लालन पालन कर रहे थे। मगर पांच साल पहले राहुल और सोनिया के पिता की भी मौत हो गई। इसके बाद राहुल को उसके मामा पप्पू उर्फ धर्मेंद्र अपने साथ ले गए और सोनिया को उसकी दादी ने अपने साथ रखा। तुलागढ़ी, सुरीर में अपने मामा के घर रहकर 8वीं कक्षा की पढ़ाई कर रहा था। राहुल को उसका मामा धनतेरस वाले दिन गोपाल बाग में जीजा मुकेश द्वारा लगाई पटाखा की दुकान पर बिक्री को ले गया था। शनिवार को जैसे ही राहुल की मौत की सूचना उसके घर पर पहुंची तो कोहराम मच गया।
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