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Agra Bank Manager Murder Case
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
आगरा में बैंक प्रबंधक सचिन उपाध्याय हत्याकांड में आरोपी मृतक की पत्नी प्रियंका पुलिस के हाथ नहीं आ सकी है। हालांकि पुलिस ने पत्नी की तरफ से महिला थाने में लिखाया दहेज उत्पीड़न का मुकदमा खारिज कर दिया। यह माना गया कि मुकदमा फर्जी तरीके से लिखाया गया। उधर, मृतक के परिजन ने पुलिस कार्रवाई पर सवा उठाए हैं।
रामरघु एग्जॉटिका काॅलोनी, ताजगंज निवासी सचिन उपाध्याय शमसाबाद स्थित बैंक में प्रबंधक के पद पर कार्यरत थे। उनकी 11 अक्तूबर रात को हत्या कर दी गई थी। 12 अक्तूबर को पुलिस को आत्महत्या की सूचना दी गई थी। 13 अक्तूबर को पोस्टमार्टम हुआ। इसकी रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि हुई।
पुलिस ने मृतक के पिता की तहरीर पर बहू प्रियंका उर्फ मोना, बेटे के ससुर कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बृजेंद्र सिंह रावत और साले कृष्णा रावत के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। इससे पहले ही 17 अक्तूबर को प्रियंका की ओर से महिला थाने में दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें उन्होंने ससुरालियों पर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे।
यह भी लिखा था कि पति ने आत्महत्या कर ली। डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि महिला थाना में मुकदमा सचिन की हत्या के बाद लिखाया गया था। मुकदमा खारिज कर दिया गया है। वहीं आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।
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