[ad_1]
महंगाई से अब कोई क्षेत्र अछूता नहीं रहा है. फ्यूल, ग्रॉसरी से लेकर अब इलाज कराना भी महंगा हो चला है. अब बीमार होने पर ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी. इस वर्ष तीन महीने में दवाओं की कीमत 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं. एक अप्रैल से पैरासीटामोल सहित राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) में अधिसूचित दवाओं की कीमतें 12 प्रतिशत तक बढ़ाने की अनुमति दे दी गई है. वहीं, डॉक्टरों ने भी अपनी फीस बढ़ा दी है.
[ad_2]
Source link