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भाई साहब मेरी उम्र 50 वर्ष है. मेरा यहां जन्म हुआ है. अब घर पर लाल निशान लगा दिया है. कह रहे हैं कि यहां रहना खतरनाक हो सकता है. घर छोड़ दो. शेल्टर होम में चले जाओ. आप बताओ सब कुछ छोड़कर आखिर बहन, बेटी, मां और पत्नी को लेकर कैसे शेल्टर होम चला जाऊं. इन सवालों के साथ माथे पर शिकन सिर्फ राकेश के चेहरे पर ही नहीं दिखाईं दी, बल्कि टीला माईथान में निवासी कई परिवारों के माथे पर दिखीं. सब कल को लेकर फिक्रमंद हैं.
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