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मैं रोज साईं का तकिया से भगवान टॉकीज जॉब करने के लिए बस से जाती हूूं. मंगलवार सुबह चौराहे पर पहुंची तो घंटों इंतजार करती रही, लेकिन कोई बस नहीं मिली. अन्य सवारी वाहनों का सहारा लेना पड़ा. उन्होंने भी तय किराए से अधिक वसूला. इस तरह की परेशानी का सिर्फ रामवती का ही सामना नहीं करना पड़ा, बल्कि इलेक्ट्रिक बस चालकों की हड़ताल के चलते हजारों राहगीरों को इसी तरह की दिक्कतों से जूझना पड़ा.
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