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शहादत पर गर्व, सीने में दर्द… गले मिलीं तो छलक पड़ीं वीर माताओं की आंखें
– फोटो : अमर उजाला
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दो साल से जवान बेटे के जाने का दर्द सीने में दबा था। जिक्र होता तो आंसू भी छलक पड़ते। आगरा के कैप्टन शुभम की शहादत से उनके जख्म फिर हरे हो गए। दुख साझा करने के लिए रविवार को बलिदानी विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान के बूढ़े माता-पिता बलिदानी कैप्टन शुभम के घर पहुंचे। विंग कमांडर की मां कैप्टन के माता-पिता के गले लिपट दहाड़ मारकर रोईं। बोलीं, शुभम की पता चला तो लगा मेरा एक और पृथ्वी चला गया। दो वीर माताओं को देख आसपास मौजूद सभी की आंखें भर आईं।
वक्त दोपहर लगभग 12:05 बजे का था। हाथ थामे बुजुर्ग दंपती लड़खड़ाते हुए गेट से परिसर में घुसे। सामने रखी तस्वीर पर फूल चढ़ाए। बगल में बैठे शहीद कैप्टन शुभम के पिता बसंत गुप्ता की ओर मुखातिब होकर 72 साल की सुशील चौहान बोलीं, मैं विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान की मां हूं।
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कैप्टन शुभम के जाने से ऐसा लगा कि मेरा पृथ्वी चला गया है। यह कहकर वे गले से लिपट गईं और दहाड़ मारकर रोने लगीं। मां सरीखा सानिध्य पाकर बसंत गुप्ता भी फफक पड़े। 8-10 मिनट तक दोनों की आंखों से नीर बहते रहे। बसंत गुप्ता ने उनको संभाला और फिर वे बलिदानी की मां पुष्पा गुप्ता के पास गईं। उनके भी गले लग गईं और दोनों माएं खूब रोईं।
यह दृश्य देख सभी की आंखें भर आईं। शहीद पृथ्वी की मां सुशील देवी चौहान ने माता-पिता दोनों को ढांढस बंधाया। कहा कि मैं जिस दिन पार्थिव शरीर आया था, तब भी आई थी लेकिन भीड़ और करुण क्रंदन देख वे व्याकुल हो उठीं और हालात देख लौट गई।
हिम्मत रखना, हमारे बच्चे पूरे देश के…
विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान के 76 साल के पिता सुरेंद्र सिंह चौहान बलिदानी के पिता के हाथ पकड़ सुबकने लगे। बोले- बेटे का चले जाना मां-बाप पर कितना बड़ा बोझ है, मैं समझता हूं। इकलौते बेटे के जाने की पीर रोजाना झेल रहा हूं। बीमारी लग गई हैं और उसकी यादों के सहारे जिंदगी गुजार रहे हैं। तुम हिम्मत रखना शहीद होने पर हमारे बच्चे पूरे देश के अपने हो गए हैं।
सीडीएस विपिन रावत के साथ 2021 में हुए थे शहीद
न्यू आगरा के सरन बाग निवासी सुरेंद्र सिंह चौहान के बेटे विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान (42) 8 दिसंबर 2021 में तमिलनाडु के कुन्नूर में वायुसेना के हेलिकाॅप्टर क्रैश होने से शहीद हो गए थे। इसमें सीडीएस विपिन रावत भी साथ थे। पृथ्वी सिंह इनका इकलौता बेटा था।
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