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नोटिस (सांकेतिक फोटो)
– फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश के आगरा में अस्पताल, पैथोलॉजी लैब के लाइसेंस के लिए अग्निशमन विभाग की अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) में भी फर्जीवाड़ा किया गया है। लाइसेंस नवीनीकरण के रिकॉर्ड का सत्यापन करने में 127 अस्पतालों-लैब की फायर एनओसी में गड़बड़ी मिली है। इन सभी को नए सिरे से नोटिस भेजा जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग में बीते साल 1269 चिकित्सकीय संस्थान पंजीकृत हैं। संस्थानों ने 2023-24 सत्र के लाइसेंस नवीनीकरण के लिए संस्थान का नाम, पता, डॉक्टर का नाम, उनकी डिग्री, चिकित्सक-पैरामेडिकल स्टाफ के पैनल के नाम, अग्निशमन विभाग, नगर निगम, बायोमेडिकल वेस्ट की एनओसी समेत अन्य प्रमाण पत्र भेजे हैं।
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इसमें से 127 अस्पतालों के फायर एनओसी में गड़बड़ी है। इसमें दो से तीन साल पुरानी एनओसी, समानार्थी नाम के अस्पतालों की एक ही एनओसी मिली है। किसी की प्रमाणपत्र जारी करने वाली तिथि स्पष्ट नहीं है। इस पर इन सभी को नोटिस देकर मूल कॉपी मांगी गई है।
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव का कहना है कि 127 अस्पताल-लैब संचालकों को नए सिरे से नोटिस देकर तीन दिन में प्रमाणपत्र मांगे हैं, तय दिन में रिकाॅर्ड उपलब्ध नहीं कराने पर इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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नोटिस का जवाब देने में हीलाहवाली
सीएमओ का कहना है कि अस्पताल-पैथोलॉजी लैब में खामियां मिलने के बाद अलग-अलग बिंदुओं पर नोटिस भेजे जा रहे हैं। इसमें 15 डॉक्टरों के नाम से चल रहे 449 चिकित्सकीय संस्थान और लाइसेंस नवीनीकरण मामले में नोटिस का जवाब देने में हीलाहवाली की जा रही है। 15 में से केवल 4 ने ही अभी तक शपथपत्र दिया है।
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कराओ एफआईआर, नहीं तो होगी कार्रवाई
449 अस्पताल चलाने वाले 15 डॉक्टरों में से 3 डॉक्टरों ने स्वास्थ्य विभाग कार्यालय पहुंचकर सीएमओ से कहा कि उनके नाम से एक ही अस्पताल है, बाकी में उनकी डिग्री का दुरुपयोग कर अस्पताल खोले गए हैं। खुद को पाकसाफ भी बताया। इस पर सीएमओ ने कहा कि आपकी डिग्री का दुरुपयोग हुआ है तो एफआईआर क्यों नहीं करा रहे। ऐसा नहीं करेंगे तो अस्पताल-लैब के लाइसेंस तो निरस्त होंगे ही आप पर कानूनी कार्रवाई करेंगे। यह सुनकर डॉक्टरों के तेवर ठंडे पड़ गए और चले गए।
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