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फर्जी प्रमाण पत्र(सांकेतिक)
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा के जिला अस्पताल में मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने के लिए पहुंचे छात्र से ठगी का मामला सामने आया है। ठग ने 70 रुपये लेकर उसे नकली मेडिकल सर्टिफिकेट बनाकर दे दिया। उस पर अधिकारियों की फर्जी मुहर और हस्ताक्षर थे।
नवोदय विद्यालय में प्रवेश के लिए एक छात्र को मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाना था। वह दो दिन पहले जिला अस्पताल पहुंचा। उसने अस्पताल में मौजूद एक व्यक्ति से पूछा कि मेडिकल सर्टिफिकेट कहां मिलता है। संबंधित व्यक्ति ठग था। उसने छात्र से जानकारी लेकर फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बना दिया। छात्र से 70 रुपये ले लिए। सर्टिफिकेट पर सीएमएस डॉ. सीपी वर्मा की फर्जी मुहर व हस्ताक्षर था।
जिला अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनीता शर्मा ने बताया कि छात्र का मेडिकल सर्टिफिकेट सत्यापन के लिए आया तो पता चला कि वह फर्जी है। इसके बाद छात्र को बुलाकर अस्पताल में मौजूद स्टाफ की पहचान कराई गई और पूछा गया कि सर्टिफिकेट किसने बनाया, वह पहचान नहीं सका।
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प्रवेश द्वार पर ही दी जाएगी जानकारी
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि अस्पताल में आने वाला कोई और व्यक्ति ठगी का शिकार न हो, इसके इंतजाम किए जा रहे हैं। जिला अस्पताल के प्रवेश द्वार पर सूचना चस्पा कराई जाएगी। इसमें लोगों को मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने की निर्धारित फीस (70 रुपये) के साथ कमरा नंबर भी दिया जाएगा, जिसमें मेडिकल सर्टिफिकेट बनाया जाता है। इससे लोग सीधे उसी कमरे में सर्टिफिकेट बनवाने के लिए पहुंचेंगे।
पहले भी हो चुकी ठगी
जिला अस्पताल में पहले भी ठगी का मामला सामने आ चुका है। फरवरी 2023 में एक ठग ने रकाबगंज के चक्कीपाट निवासी जूता कारोबारी की पथरी के ऑपरेशन के लिए 10 हजार रुपये ले लिए थे। ऑपरेशन के बाद 5000 रुपये और मांग रहा था। मरीज के घर की महिलाओं ने जिला अस्पताल में ही ठग की पिटाई की थी। उसे रकाबगंज पुलिस को सौंप दिया था।
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