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ईश्वरी और बबली (फाइल फोटो)
– फोटो : अमर उजाला
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‘शादी को अभी चार वर्ष ही तो हुए थे। क्या कमी थी ? दोनों एक-दूसरे से प्रेम भी करते थे, एक-दूसरे को समझते थे। सब कुछ तो अच्छा चल रहा था। फिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि दोनों ने इतना बड़ा फैसला कर लिया और एक साथ…..अरे कुछ समस्या थी तो मुझे कहा होता मैं अभी जिंदा हूं…..’इसके बाद गला भर आया और जवान बेटे-बहू की लाश देखकर फफक पड़ा बूढ़ा पिता सुखीराम।
मोहब्बत की नगरी कही जाने वाली आगरा में बुधवार की शाम दो प्रेमियों का दर्दनाक अंत हो गया। चार वर्ष पहले विवाह बंधन में बंधे पति-पत्नी ने एक साथ फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उनकी ढाई वर्ष की मासूम बच्ची वहीं पास में ही बैठी चीख रही थी। माता-पिता के अलावा और था भी कौन जो उसे चुप कराता। लेकिन वह भी तो अब इस दुनिया में नहीं थे।
फंदे पर लटक रहे थे ईश्वरी और बबली
मासूम लगातार रोए जा रही थी, वह चुप ही नहीं हो रही थी। बच्ची के रोने पर मां उसे चुप करा लेती थी। आज कोई हलचल नहीं थी। यह बात पड़ोसियों को कुछ खटकी। उन्होंने घर जाकर दरवाजे से झांका तो उनके होश उड़ गए। ईश्वरी और बबली दोनों फंदे से लटक रहे थे।
ईंट-भट्ठा में मजदूरी करता था ईश्वरी
घटना मलपुरा थाना क्षेत्र के धनौली गांव की है। मूलरूप से कागारौल थाना क्षेत्र के इकराम नगर निवासी ईश्वरी (32) अपनी पत्नी बबली (30) और ढाई वर्ष की बेटी लावण्या के साथ यहां रहता था। यहां वह पास के ही एक ईंट-भट्ठा पर मजदूरी करता था। कुछ दिन पहले उसकी पत्नी अपने मायके आगरा के ही बोदला गांव गई थी।
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