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पूर्व राज्य मंत्री चौधरी उदयभान सिंह।
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा में पूर्व मंत्री चौधरी उदयभान सिंह के साथ हुई 1.40 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जांच में उनके बेटे का नाम सामने आया है। डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि पूर्व मंत्री के बेटे ने ऋण लेने के लिए आवेदन किया था। इसके बाद फाइनेंस कंपनी के अधिकारी और कर्मचारियों ने नियमों को दरकिनार कर ऋण स्वीकृत किया। अब पुलिस इस मामले में गिरफ्तारी भी करेगी।
पूर्व मंत्री चौधरी उदयभान सिंह ने लोहामंडी थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है। आरोप है कि फर्जीवाड़ा करके एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज से उनके हसनपुरा स्थित आवास पर 1.40 करोड़ का ऋण ले लिया गया। ऋण की किस्त जमा नहीं होने पर फाइनेंस कंपनी ने मकान पर कब्जे के आदेश करा लिए।
डीसीपी सिटी ने बताया कि प्रकरण की प्रारंभिक जांच पुलिस आयुक्त ने उन्हें सौंपी थी। उन्होंने फाइनेंस कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान दर्ज किए। ऋण के लिए जो कागज प्रस्तुत किए गए थे उनका प्रथम दृष्टया अवलोकन किया। अपनी जांच रिपोर्ट उन्होंने पुलिस आयुक्त को सौंप दी थी। डीसीपी सिटी की जांच रिपोर्ट में पूर्व मंत्री का एक बेटा कठघरे में है।
प्रथम दृष्टया जांच में यह पाया गया कि ऋण के लिए उसने ही आवेदन किया था। अपने पिता को इसकी जानकारी नहीं दी। अभी यह साफ नहीं है कि पूर्व मंत्री के फर्जी हस्ताक्षर किसने किए थे। प्रथम दृष्टया जांच में पाया गया कि कठघरे में आए बेटे के हस्ताक्षर असली हैं। जानकारी के बाद परिजन ने उससे ऋण के बारे में पूछा था। उसने साफ कह दिया कि पुलिस की जांच गलत है।
पूछताछ में स्वीकारा ऋण लेना
डीसीपी सिटी ने बताया कि जांच के लिए पूर्व मंत्री के बेटे को भी बुलाया गया था। पुलिस को दिए बयान में बेटे ने यह स्वीकार किया कि ऋण उसने लिया था। उसने बताया कि मकान में 85 प्रतिशत के हिस्सेदार पिता और 15 प्रतिशत भागीदारी उसकी है। बेटे ने बयान में यह भी कहा कि पिता की सहमति से ऋण लिया था।
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