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आगरा पुलिस की गाड़ी (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा की थाना शाहगंज पुलिस ने जिस युवक को सट्टा करने के आरोप में जेल भेजा। उसी आरोपी को दूसरे दिन जगदीशपुरा थाने की पुलिस ने जुए के फड़ से फरार दर्शा दिया। दोनों मुकदमों की प्रति सोशल मीडिया पर वायरल होने पर पुलिस ने चुप्पी साध ली है। पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।
थाना शाहगंज में तैनात एसआई प्रमोद यादव ने 8 अक्तूबर को मुकदमा दर्ज कराया। इसमें उन्होंने कहा कि तुलसी बजट विला कॉलोनी में महेश तेजवानी के घर में क्रिकेट मैच पर सट्टा लगाया जा रहा था। पुलिस ने दबिश देकर महेश, अजय भोजवानी, सोनू को गिरफ्तार करके जेल भेजा। 9 अक्तूबर को थाना जगदीशपुरा में दरोगा शक्ति राठी ने मुकदमा दर्ज कराया। इसमें कहा कि मुखबिर की सूचना पर अजय के घर में जुआ खेलते हुए तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया गया। अजय भोजवानी पुलिस को देखकर पीछे के दरवाजे से भाग गया।
मुकदमे में जुए के फड़ से जिस अजय को फरार दिखाया गया, उस वक्त वह जेल में था। अब पुलिस पर सवाल उठ रहा है कि एक ही सर्किल के दूसरे थाने के दरोगा ने जिसे वांछित दिखाया उसकी जानकारी लेना तक उचित नहीं समझा। इन दोनों मुकदमों की प्रतियां सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इस संबंध में पुलिस अधिकारियों ने अनभिज्ञता जताई।
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