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चेन खींचकर रोकी ट्रेन, झटपट उतरे नीचे
ट्रेन के यात्री एकांश राठौर ने बताया कि धुआं और फिर आग की लपटें देखी। इससे महिला-बच्चे रोने लगे। ये देख तत्काल उन्होंने चेन खींचकर ट्रेन को रोका। इस बीच आसपास के खेतों में काम करने वाले लोग भी आ गए।
आग की लपटें देख खिड़कियों से कूद पड़े यात्री
शुरुआत में ट्रेन के इंजन के पीछे लगे दो जनरल बोगी से धुआं उठने लगा। इनमें 144 यात्री बैठे हुए थे। धुआं उठने के कुछ ही देर बाद लपटें उठने लगीं। ये देख यात्री चीखने-चिल्लाने लगे। इससे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। ट्रेन रुकते ही यात्री बाहर निकलने के लिए दौड़े। गेट पर भीड़ जमा होने पर कई यात्री खिड़की से ही नीचे कूद गए।
ट्रेन में आग देख खेतों से दौड़े किसान
चलती ट्रेन में आग की लपटें उठते देख खेतों में काम करने वाले किसान भी बचाव के लिए ट्रेन की ओर दौड़े। थोड़ी दूर जब ट्रेन रुकी तो किसान जुट गए और मिट्टी, पानी से आग बुझाने का प्रयास करने लगे। गांव कुठावली निवासी देशराज चाहर ने बताया कि वह खेतों पर कार्य कर रहे थे, ट्रेन से लपटें उठते और यात्रियों की चीखपुकार सुनकर आसपास के अन्य लोग बचाव के लिए भागे। खेतों से मिट्टी और पानी भरकर आग बुझाने की कोशिश की।
ट्रेन हादसे के घायल अस्पताल में चल रहा है इलाज:
-सिद्धांत (18) पुत्र राजेश कुमार, निवासी भिंड
– हितेश (17) पुत्र मुरारीलाल निवासी भिंड
– गौरव कुमार (21) पुत्र अनिल कुमार निवासी गया बिहार
– विकास (17) पुत्र रामसिया निवासी भिंड
– प्रियरंजन कुमार (30) पुत्र शिवशंकर शर्मा निवासी जयपुर हाउस आगरा।
– गौरव कुमार (17) पुत्र राजेश निवासी भिंड।
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