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patna kota express
– फोटो : अमर उजाला
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कोटा-पटना एक्सप्रेस में वाराणसी से मथुरा जा रहे तीर्थयात्रियों के दल के सदस्यों की हालत कानपुर से स्टेशन से ट्रेन के रवाना होने के बाद बिगड़ना शुरू हो गई थी। ट्रेन इटावा, फतेहाबाद, भांडई होते हुए आगरा कैंट पर पहुंचीं, तब यात्रियों को इलाज मिल सका। इस दौरान रेलवे के स्टाफ ने भी यात्रियों की बिगड़ रही हालत पर ध्यान नहीं दिया, जबकि इस दौरान स्लीपर कोच में चेकिंग टीम के सदस्य भी पहुंचे होंगे।
कोटा-पटना एक्सप्रेस में 90 तीर्थयात्रियों के दल के सदस्य ट्रेन के कोच संख्या एस-1, एस-2, एस-3 में सवार थे। तीनों ही कोचों में सवार यात्रियों की तबीयत रात का खाना खाने के बाद बिगड़ी थी। सहयात्री मीनाराम ने बताया कि ज्यादातर यात्रियों ने रात में खाना खाया था।
सुबह जागने पर करीब आठ बजे से कुछ यात्रियों को उल्टी-दस्त लगे तो लोगों ने ज्यादा तवज्जो नहीं दी, मगर जब कई लोगों की हालत बिगड़ने लगी तो वह परेशान हो गए। इस दौरान कानपुर से आगे एक स्टेशन पर ट्रेन के रुकने पर कुछ लोगों ने पानी लिया। तब स्टेशन पर कोई कर्मचारी नहीं नजर आया।
ट्रेन इटावा स्टेशन पर भी रुकी थी। इस दरम्यान टीटी भी कोचों में आए थे। चेकिंग दल भी ट्रेन में था। यात्रियों की तबीयत बिगड़ने की जानकारी रास्ते में हो गई थी तो नजदीकी स्टेशन पर उतारकर इलाज के लिए भेजा जा सकता था। गाड़ी के आगरा कैंट स्टेशन पहुंचने तक एक महिला तीर्थयात्री ने दम तोड़ दिया, जबकि दूसरे यात्री को कैंट स्टेशन पर मृत घोषित किया गया।
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