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आगरा नगर निगम
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा में निकाय चुनाव का आरक्षण पुनर्निधारित होते ही बिसात बिछ चुकी है और अब मोहरों का इंतजार है। सबसे ज्यादा टिकट की मारामारी भाजपा में है। यहां मेयर के पद के लिए पुरानी पार्षद सहित दस से अधिक दावेदारी ठोंक रहे हैं तो हर वार्ड में आठ से दस दावेदार हैं। समाजवादी पार्टी और बसपा भी दमदारी के साथ मैदान में उतरने को तैयार हैं। बसपा से जहां दोबारा से दावेदारों ने सक्रियता दिखाना शुरू कर दिया है। वहीं कांग्रेस में भी दावेदार दमखम के साथ तैयार हैं।
निकाय चुनाव में ओबीसी के आरक्षण के चलते देरी हुई। अब आरक्षण की सूची जारी होने के बाद सभी राजनीतिक दलों में मैदान में उतरने वाले दावेदार सक्रिय हो गए हैं। भाजपा की तैयारी लंबे समय से चल रही है। यहां पन्ना प्रमुख से लेकर वार्ड संयोजक तक संगठन काम कर रहा है। भाजपा जहां इस बार अपने पुराने कार्यकर्ताओं पर दांव लगाएगी तो वहीं युवाओं और महिलाओं की भागीदारी पर भी फोकस कर रही है।
मेयर पद के लिए जहां दो सांसदों की बेटी व पत्नी के साथ ही पूर्व विधायक सहित दस से अधिक दावेदार हैं तो वहीं दो पुरानी पार्षद भी अपना दावा ठोंक रही हैं। पार्षद के टिकट के लिए भाजपा में लंबी कतार है। वार्ड संयोजक और पूर्व पार्षदों के साथ ही नए चेहरे भी दावा ठोक रहे हैं। भाजपा के महानगर अध्यक्ष भानु महाजन का कहना है कि पार्टी की निकाय चुनाव की तैयारी पूरी है। संगठन जिसे टिकट देगा, उसे जिताएंगे। दावेदारों की संख्या अधिक है मगर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।
भाजपा के बाद सबसे ज्यादा पार्षद के लिए दावेदार बसपा के हैं। इस बार भी पार्टी अपनी दमखम के साथ चुनाव मैदान में उतरने को तैयार है। पार्टी के पूर्व पार्षदों के अलावा नए चेहरे भी इस बार दावा ठोंक रहे हैं। बसपा के जिलाध्यक्ष जितेंद्र कुमार का कहना है कि पार्टी इस बार पूरी दमखम के साथ मैदान में है। प्रत्याशियों की घोषणा जल्द कर दी जाएगी। सपा में भी निकाय चुनाव को लेकर तैयारियां चल रही हैं। महानगर अध्यक्ष वाजिद निसार का कहना है कि पार्टी हर वर्ग को प्रतिनिधित्व देगी। दावेदार तय हो चुके हैं। जल्द ही सूची जारी कर दी जाएगी। कांग्रेस के शहर अध्यक्ष देवेंद्र चिल्लू का कहना है कि पार्टी ने संगठन की मजबूती के लिए काम किया है। जल्द ही प्रत्याशी घोषित किए जाएंगे।
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