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Up nikay chunav, निकाय चुनाव, यूपी चुनाव
– फोटो : फाइल फोटो
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उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में निकाय चुनाव में एक ही दल से चेयरमैन की टिकट पाने के लिए खेमेबंदी बढ़ गई है। दावेदारों ने आवेदन करने के बाद अपने आकाओं की परिक्रमा शुरू कर दी है। प्रमुख दलों में अलग- अलग खेमों में बंटे नेता अपने चहेते को टिकट दिलाने की जुगत में लग गए हैं। हर दावेदार दूसरे दावेदार की दावेदारी को अपने आकाओं की मदद से कमजोर करने में लग गया है।
प्रमुख दलों में अनुशासन के दावे के बीच भी बड़े नेताओं के अलग अलग खेमे हैं। निकाय चुनाव में चेयरमैन की टिकट चाहने वाले दावेदार पार्टी कार्यकर्ता होने के साथ ही किसी न किसी खेमे से जुड़े हैं। सबसे ज्यादा खेमेबंदी भाजपा और सपा में नजर आ रही है। दोनों ही दलों के प्रमुख नेता चेयरमैन की टिकट का वितरण हाईकमान द्वारा किए जाने का दावा कर रहे हैं। लेकिन अपने चहेते को टिकट दिलाने के लिए जोड़ तोड़ में लगे हुए हैं।
दावेदारों ने बढ़ाई नेताओं की परिक्रमा
निकाय चुनाव में टिकट पाने के लिए सबसे ज्यादा मारामारी सपा और भाजपा में है। महिला सीट होने के कारण इस बार नेताओं ने अपनी पत्नियों के नाम को आगे बढ़ाया है। पत्नियों के नाम से ही दोनों दलों में आवेदन कराने के बाद गोटी बिठानी शुरू कर दी हैं। अनुशासन का दावा करने वाली सपा और भाजपा में सबसे ज्यादा खेमेबंदी है। बड़े नेताओं के अपने अपने खेमे हैं। खेमों में बंटे दावेदारों ने अपने खेमे के नेताओं की परिक्रमा बढ़ा दी है।
भाजपा ने मांगे आवेदन
भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप चौहान ने कहा कि चेयरमैन पद के लिए आवेदन मांगे गए हैं। आवेदकों की सूची प्रदेश कार्यालय भेजी जाएगी। प्रदेश कार्यालय से ही चेयरमैन के प्रत्याशियों की घोषणा की जाएगी।
सपा बोली- पार्टी में अनुशासन सर्वोपरि
सपा जिलाध्यक्ष आलोक शाक्य ने कहा कि पार्टी में अनुशासन सर्वोपरि है। खेमे बंदी नहीं है। चेयरमैन पद के लिए दावेदार आवेदन कर रहे हैं। खेमे से नहीं पार्टी के प्रति आस्था रखने वाले को टिकट मिलेगी।
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