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मांगी गई हर सूचना औचित्यहीन है. कितने की दवाएं खरीदी हैं, ये नहीं बता सकते. डॉक्टर कितनी देरी से आते हैं, ये भी नहीं बता सकते. ये किसी सरकारी का कर्मचारी का जवाब नहीं है, बल्कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी में जिम्मेदार अधिकारियों ने इस तरह के जवाब लिखित में दिए.
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