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एसएन मेडिकल कॉलेज इमरजेंसी
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा के एसएन इमरजेंसी से निजी अस्पताल में नवजात को भर्ती कराने और नवजात की मौत हो जाने की जांच शुरू हो गई है। सरकारी एंबुलेंस स्टाफ पर आरोप है। स्वास्थ्य विभाग ने जांच के लिए विशेषज्ञों की टीम बनाई है। एंबुलेंस सेवा-108 के प्रभारी से भी पूरे मामले की जांच रिपोर्ट तलब की गई है।
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि सहपऊ निवासी मजदूर अतुल कुमार ने आरोप लगाया था कि उनकी नवजात को हाथरस जिला अस्पताल से 108 एंबुलेंस सेवा से एसएन इमरजेंसी रेफर किया गया था। स्टाफ ने भ्रमित कर ट्रांस यमुना कॉलोनी स्थित एएस चिल्ड्रन हॉस्पिटल एंड क्रिटिकल केयर में भर्ती कराया। यहां 7 दिन में 60 हजार रुपये खर्च हो गए। नवजात की मौत भी हो गई।
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मामला संज्ञान में लेकर जांच के लिए एसीएमओ डॉ. एसएम प्रजापति को जिम्मेदारी दी गई है। टीम में एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विशेषज्ञ भी शामिल किए जाएंगे। मंगलवार को टीम जांच करने जाएगी। 108 एंबुलेंस सेवा प्रभारी ने भी जांच शुरू कर दी है। इसमें हाथरस और आगरा की टीमें लगीं हैं। जांच के बाद कार्रवाई होगी। एसएन में भी जांच शुरू कर दी गई है। प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि इमरजेंसी स्टाफ की भूमिका की जांच करने के लिए सीसीटीवी कैमरे देखे जा रहे हैं।
पीड़ित को धमकाया
मृतक नवजात के पिता अतुल का कहना है कि फोन पर समझौता करने और बयान बदलने के लिए उन्हें फोन पर धमकाया जा रहा है। अज्ञात लोग उन्हें आगरा आकर लिखित में बयान लिखकर देने के लिए भी दबाव बना रहे हैं। इससे वह डरे हुए हैं।
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