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यमुना
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा में राधा स्वामी सत्संग सभा के सामने बृहस्पतिवार को जिलाधिकारी के आदेश बौने हो गए। डीएम ने बुधवार को पोइया घाट स्थित यमुना में सत्संग सभा के लगाए बैकुंठ धाम के बोर्ड व झोपड़ी हटाई थी, जिन्हें सत्संगियों ने 24 घंटे में दोबारा लगा दिया। इससे एक तरफ प्रशासन की कार्रवाई का मखौल उड़ रहा है, दूसरी तरफ सत्संगियों पर नदी पर अवैध कब्जे के आरोप लग रहे हैं।
दयालबाग में राधा स्वामी सत्संग सभा है। सत्संग सभा ने पोइया घाट पर यमुना नदी में बैकुंठ धाम के बोर्ड लगा दिए थे। नदी के बीच झोपड़ी बनाई थी। पिछले 15 दिनों से यहां कारसेवा हो रही है। आस-पास खासपुर, मनोहरपुर, सिकंदरा गांव हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम सभा की जमीन पर सत्संग सभा ने कब्जा कर स्वामित्व के बोर्ड लगा दिए हैं। यमुना नदी के डूब क्षेत्र पर भी कब्जा कर लिया है।
डीएम नवनीत सिंह चहल ने जांच कराई तो कब्जा अवैध मिला। बुधवार को तहसीलदार रजनीश वाजपेयी राजस्व टीम के साथ पोइया घाट पहुंचे। यमुना नदी में लगे बोर्ड हटवाए। झोपड़ी को हटा दिया।
जिसके बाद रात में सत्संगी इकठ्ठा हुए। सुबह जब ग्रामीण पोइया घाट पहुंचे, तो वहां बैकुंठ धाम के बड़े-बड़े बोर्ड फिर से चमक रहे थे। जिस झोपड़ी को हटाया था, वो भी दोबारा स्थापित हो गई है। नदी में 20 से अधिक गाड़ियां खड़ी हैं। सैकड़ों सत्संगियों का जमावड़ा है। ग्रामीणों का कहना है कि नदी पर कब्जा कर लिया है। डीएम के आदेश का मखौल उड़ रहा है। वहीं, सत्संग सभा के मीडिया प्रभारी एसके नय्यर का कहना है कि बोर्ड लगाने का मतलब कब्जा करना नहीं। हम वहां सफाई कर रहे हैं। वनस्पति पर शोध होगा। लोगों को पता रहे कौन कार्य कर रहा है इसलिए बोर्ड लगाए हैं।
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कार्रवाई के दिए हैं आदेश
जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने बताया कि नदी में कब्जा कोई नहीं कर सकता। बोर्ड हटवाए थे, दोबारा लगा लिए हैं तो उनके विरुद्ध कार्रवाई होगी। एसडीएम से रिपोर्ट मांगी है। मैं स्वयं भी मौके पर निरीक्षण करूंगा।
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