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संसाधनों की कमी और अन प्रोफेशनल स्टाफ के कारण अब और जान नहीं जा पाएंगी क्योंकि झोलाछाप अब इलाज नहीं कर पाएंगे. विभाग की ओर से निजी चिकित्सक और पैरामेडिकल की पहचान यूनिक आईडी (पहचान दस्तावेज) से होगी. पहले चरण में हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री में हॉस्पिटल का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है.
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