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पशुपालक की हत्या
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा के भगवती बाग (ट्रांस यमुना) में सोमवार रात को घर के बाहर भैसों के बाड़े में सो रहे दूध व्यापारी 65 वर्षीय महेशचंद की हत्या कर दी गई। उनके हाथ-पैर चारपाई से बांधने के बाद मुंह में कपड़ा ठूंसा गया। इसके बाद सिर में भारी वस्तु से प्रहार करके जान ले ली गई। मृतक के भाई सुरेश चंद ने बाड़े से भैंस चुराने आए चोरों पर वारदात का शक जताया। क्योंकि बाड़े में एक भैंस भी नहीं थी। उन्होंने अपनी तहरीर में यह लिखकर दिया। मगर, चार घंटे बाद भी भैंस मिल गई।
पुलिस को आशंका है कि हत्या किसी जानकार ने की है। जिस गली में मृतक रहते थे, वह गली संकरी है। दोनों तरफ मकान भी बने हुए हैं। ऐसे में बदमाश वारदात करते तो चीखपुकार पर लोग घरों से निकल आते। मगर, कोई जागा नहीं। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी कैमरों को चेक किया। इसमें चार संदिग्ध नजर आए। उनके बारे में पुलिस जानकारी जुटा रही है।
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हत्या नहीं, चोरी के दौरान मृत्यु का मुकदमा
पुलिस ने हत्या की घटना का मुकदमा दर्ज करने में भी खेल कर दिया। दूध व्यापारी की हाथ-पैर बांधने के बाद हत्या की गई। मगर, पुलिस ने जब मुकदमा दर्ज किया तो धारा 302 नहीं लगाई। मुकदमा धारा 460 में लिखा गया। जानकारों के मुताबिक, यह धारा चोरी के दौरान गंभीर चोट पहुुंचाने या मृत्यु हो जाने पर लगाई जाती है। अगर, पुलिस हत्या का मुकदमा लिखती तो शासन तक रिपोर्ट देनी पड़ती है। इस मामले में ऐसा नहीं होगा।
लोग बोले, नहीं रहती है पुलिस की गश्त
क्षेत्र के लोगों का कहना था कि लगातार वारदात हो रही हैं। लूट और चोरी की घटना आम है। पुलिस एक का खुलासा करती है, दूसरी वारदात हो जाती है। इसकी मुख्य वजह रात के समय पुलिस की गश्त नहीं रहना है। पुलिस सिर्फ मुख्य मार्ग पर रहती है। मोहल्लों और काॅलोनी में नहीं आती है। इसका फायदा चोर और बदमाश उठा रहे हैं।
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